अनाज मंडियों में प्रशासन द्वारा प्रबंधन पर किसानों ने लगाए सवालिया निशान

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Farmers put question marks
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इशिका ठाकुर,करनाल:

हरियाणा की मंडियों में सरकारी खरीद को आज तीसरा दिन है। जिला उपायुक्त अनीश यादव ने सोमवार को स्थानीय अधिकारियों के साथ करनाल की अनाज मंडी का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को मंडी की व्यवस्थाएं दुरूस्त रखने के निर्देश जारी कर दिए है। भले ही अब भी अधिकारी बेहतर व्यवस्थाओं का दावा कर रहे हो लेकिन जमीन हकीकत कुछ ओर ही है। किसान प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े करते नजर आ रहे है।

ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी-लंबी कतारें

करनाल की मंडी में किसानों की ट्रैक्टर ट्रालियों की एंट्री के लिए चार एंट्री प्वाइंट बनाए गए है, लेकिन सिर्फ दो गेटों से ही ट्रैक्टर-ट्रालियों की एंट्री हो रही है, दो गेटों को बंद रखा गया है। जिसकी वजह से दोनों गेटों पर ही ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है। जिससे किसानों को जाम की स्थिति से जुझना पड़ रहा है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि अगर प्रशसन को दो ही एंट्री गेटों से किसानों का प्रवेश होने देना था तो चार गेट किस लिए बनाए गए? ऐसा नहीं है कि जिला उपायुक्त को व्यवस्थाओं के विषय में ना पता हो, बावजूद इसके समस्या के समाधान को लेकर किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया गया। क्या जिला उपायुक्त मंडी में सिर्फ निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति करने के लिए पहुंचें थे।

एमएफएमडी पर किसान का डाटा वेरिफाई

जिला उपायुक्त अनीश यादव से पत्रकारों ने गेट पर लगी लंबी लाइनों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि धान की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है और भारी संख्या में किसान अपनी धान मंडी में बेचने के लिए ला रहे है। ऐसे में गेटों पर ट्रैक्टर-ट्रालियों की लाइनें लगना स्वाभाविक है। इसके अलावा एमएफएमडी पर किसान का डाटा वेरिफाई किया जाता है उसके बाद एक रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है और उसकी को देखकर गेट पास वैरिफाई किया जाता है। यह रूटीन का कार्य है और एक-दो केस में वैरिफिकेशन को लेकर ईशू भी आ जाता है। डीसी ने बताया कि उन्होंने पूरी प्रक्रिया को खुद देखा है और वह सही चल रही है।

धान ज्यादा और गेट पास कम-

किसान भारी मात्रा में धान लेकर मंडी में पहुंच रहे है लेकिन किसानों के सामने गेट पास को लेकर समस्या खड़ी हो गई है। किसानों की जितनी धान होती है उससे कम गेट पास किसानों को दिए जा रहे है। जब इस संबंध में पत्रकारों ने जिला उपायुक्त से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि करनाल जिला के लिए औसतन 30 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। एमएफएमई पर रजिस्ट्रेशन है, उसके साथ मैचिंग की जा रही है। यदि कोई तीन एकड़ वाला किसान है और उसे गेट पर वेरिफिकेशन में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो एसडीएम को निर्देश दिए गए है कि वह संबंधित किसान की जल्द से जल्द वेरिफिकेशन करवाए ताकि किसान को किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। इसके साथ ही उपायुक्त ने बताया कि उन्होंने विजिट के दौरान किसानों से भी बातचीत की है। किसी भी किसान की तरफ से किसी तरह की दिक्कत सामने नहीं आई है।

बारिश की मार से बचाने के लिए दिए गए है निर्देश-

मौसम विभाग ने चार से आठ अक्तूबर तक बारीश होने की संभावना जताई है। ऐसे में मंडी में पड़ी किसानों की धान खराब हो सकती है। धान को बारीश से बचाने को लेकर होने वाली व्यवस्थाओं के सवाल पर डीसी यादव ने कहा कि चार से आठ अक्तूबर तक बारीश की चेतावनी जारी हुई है। धान को बारीश से बचाने की उचित व्यवस्था को लेकर मार्किट कमेटी सचिव व अन्य को दिशा निर्देश जारी किए जाएंगें। इसके अलावा परचेज हो चुकी धान की लिफ्टिंग जल्द से जल्द हो, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।

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