तेनालीराम : दूध न पीने वाली बिल्ली Cat Who Does Not Drink Milk

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Cat Who Does Not Drink Milk

आज समाज डिजिटल, अम्बाला :
Cat Who Does Not Drink Milk :
दक्षिणी भारत में शहर जिसका नाम विजयनगर था। वहां राजा राज करता था जिसका नाम कृष्ण देव राय था। एक बार विजयनगर मैं चूहों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई उन चूहों के रहते विजय नगर के सभी लोग परेशान हो गए।
सभी चूहे विजय नगर के लोगों पर आफत बन चुके थे। चूहे वहां के निवासियों का नुकसान करते वो चूहे लोगों के कपड़े कुतर देते और फसल का नुकसान करते। लोगों ने राजा के पास जाने का निर्णय लिया। अगले दिन वह लोग राजा के पास पहुंचे और इस समस्या का समाधान करने को कहा।

Cat Who Does Not Drink Milk

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Cat Who Does Not Drink Milk : राजा समस्या को देखते हुए समाधान निकाला। उन्होंने लोगों को घर में एक बिल्ली पालने को कहा और लोगों को एक-एक गाय दे दी। महाराज ने तेनालीराम को भी एक बिल्ली और एक गाय दे दी। बिल्लियों के आने से शहर की चूहों की समस्या बहुत कम हो गई, परंतु लोगों पर बस एक समस्या थी कि उन बिल्लियों को समय पर दूध पिलाना और गायों की देखभाल करना। दूध पीकर बिल्लियां कुछ ही दिनों में बहुत मोटी और सुस्त हो गई जिसके कारण वह एक कदम चल भी नहीं सकती थी। बिल्लियां बस दूध पीकर पूरे दिन सोती रहती थी। राजा द्वारा दी गई तेनालीराम की बिल्ली मोटी और सुस्त हो गई, जिस कारण वह भी पूरे दिन सोती रहती थी।

बिल्ली पहले की तरह फुर्तीली होने लगी  Cat Who Does Not Drink Milk

तेनालीराम बिल्ली को सुस्त देखकर एक योजना आई। वह बिल्ली को हमेशा की तरह दूध तो दिया परंतु इस बार दूध बहुत गर्म की बिल्ली को लगाते ही उसका मुंह जल जाए। जिससे तेनालीराम की बिल्ली कई दिनों तक दूध नहीं पी पाती और वह वापस पहले की पतली होने लगी। अब तेनालीराम की बिल्ली पहले की तरह फुर्तीली हो चुकी थी। एक दिन राजा सभी बिल्लियों का निरीक्षण करने के लिए पहुंचा उसने तेनालीराम और शहर के सभी निवासियों को एक जगह बुलाया।

Cat Who Does Not Drink Milk : जब राजा ने तेनालीराम की बिल्ली को अन्य बिल्लियों की बजाए दुबली पतली पाया तो राजा ने तेनालीराम को इसका कारण पूछा। तब तेनालीराम ने बताया कि उसकी बिल्ली ने दूध पीना छोड़ दिया है। पर, राजा ने विश्वास नहीं किया और उस बिल्ली के सामने दूध से भरा हुआ कटोरा ला रखा।

सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए Cat Who Does Not Drink Milk

जब बिल्ली ने उस भरे हुए दूध की कटोरी को देखा तो उसने सोचा कि वह गरम है कि जब वह उसमें मुंह डालेगी तो उसका मुंह जल जाएगा। इसी डर से बिल्ली दूध के कटोरे के पास आने के बजाय वहां से भाग खड़ी हुई। यह देख कर सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए और तेनालीराम से पूछने लगे राजा ने भी तेनालीराम को इसका कारण पूछा तब तेनालीराम ने बताया कि “जब सेवक ही आलसी हो जाए तो वहां मालिक पर ही बोझ बन जाता है।”

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Cat Who Does Not Drink Milk : तेनालीराम ने बताया कि वह बिल्ली को रोज गर्म दूध से भरा हुआ कटोरा देता, जब वह बिल्ली अपना मुंह उस कटोरे में दूध पीने के लिए डालती तो उसका मुंह जल जाता, जिसके रहते वह बिल्ली उस दूध को नहीं पीती और खाना तलाशने के लिए स्वयं बाहर चली जाती और मेहनत से खाना तलाशती।

Cat Who Does Not Drink Milk :  कुछ ही दिनों में मेरी बिल्ली चुस्त और फुर्तीली हो गई। उसके सामने दूध से भरा हुआ ठंडा कटोरा भी रख दे तो भी वह उस दुध को नहीं पीती। वह अपना शिकार स्वयं ही खोजने जाती इसीलिए जब आपने उसके सामने दूध से भरा हुआ कटोरा रखा तो उसने नहीं पीया।
तेनालीराम ने इसी बात पर राजा को कहा कि अपने सेवक को कभी आलसी बनते देख उस पर पकड़ बनाए रखनी चाहिए। जिससे कि वह हमेशा चुस्त रहे और अपने काम के प्रति समर्पित रहे।

Cat Who Does Not Drink Milk :  राजा को तेनालीराम की यह बात बहुत पसंद आई। राजा ने तेनालीराम को हजार स्वर्ण मुद्राएं उपहार में दे दी।

शिक्षा: हमें किसी को इतना आराम नहीं देना चाहिए वह आलसी बन जाए अन्यथा वह हम पर ही मुसीबत बन जाए।

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