भगवान शिव के रुद्रावतार माने गए हैं काल भैरव
Kaal Bhairav Jayanti Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार, हर साल मार्गशीर्ष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर काल भैरव जयंती मनाई जाती है। माना जाता है कि इसी दिन पर महादेव ने काल भैरव के रूप में अवतार लिया था। इस बार काल भैरव जयंती बुधवार 12 नवंबर को मनाई जा रही है। आप इस दिन पर कुछ खास उपाय करके काल भैरव देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
नहीं सताएगा राहु का डर
यदि कोई जातक कुंडली में राहु के बुरे प्रभाव से परेशान है, तो उसे काल भैरव जयंती के दिन श्रद्धा भाव के साथ काल भैरव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। राहु के प्रभाव से राहत मिल सकती है। साथ ही इस दिन पर आप काल भैरव जी के मंदिर जाकर या घर पर ही काल भैरव देव के मंत्रों का जप करके भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
दूर रहेगी नकारात्मक ऊर्जा
काल भैरव जयंती के दिन पूजा के बाद भैरव बाबा को मीठी रोटी, नारियल या जलेबी का भोग लगा सकते हैं। काल भैरव जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही इस दिन पर भैरव चालीसा या भैरव अष्टक का पाठ करें। ऐसा करने पर सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा आपसे दूर बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
दूर होंगे सभी प्रकार के डर
काल भैरव जयंती पर पूजा के समय काल भैरव जी के चरणों में एक काले रंग का धागा अर्पित करें। इसके बाद ऊँ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ इस मंत्र का जप करें। ऐसा करने पर साधक के सभी प्रकार के भय दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।
जरूर करें ये काम
काल भैरव जयंती पर काले रंग के कुत्ते को रोटी या दूध जरूर दे सकते हैं, क्योंकि काला कुत्ता भगवान भैरव का सेवक व सवारी माना गया है। ऐसा करने से बाबा भैरव प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखते हैं।


