Delhi Pollution: दिल्ली में ओवरआल एक्यूआई 504, 15-20 दिन ऐसी स्थिति बने रहने की संभावना

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Delhi Pollution
दिल्ली में ओवरआल एक्यूआई 504

Aaj Samaj (आज समाज), Delhi Pollution, नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और राष्टÑीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और फिलहाल समस्या से राहत के आसार नहीं हैं। दिल्ली में शनिवार को ओवरआल एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 504 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार अगले 15-20 तक दिल्ली में ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है, ऐसे में सभी लोगों को अलर्ट रहने और बचाव को लेकर उपाय करते रहने की जरूरत है।

  • लोगों को अलर्ट रहने और बचाव के उपाय करते रहने की जरूरत : विशेषज्ञ

400 के पार एक्यूआई सेहत के लिए नुकसानदायक

दिल्ली-एनसीआर में पिछले सात दिन में एक्यूआई में तेजी से गिरावट आई है। शनिवार को दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का एक्यूआई ‘बहुत खराब स्तर’ में 400 के पार दर्ज किया गया है। इस तरह की वायु गुणवत्ता को सेहत के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक माना जाता है।

दिल्ली के कई हिस्सों में एक्यूआई डब्ल्यूएचओ की सीमा से 100 गुना ज्यादा

एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा है कि दिल्ली के कई हिस्सों में एक्यूआई 500 के आंकड़े को छू रहा है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा से करीब 100 गुना अधिक है। दिल्ली के साथ-साथ पंजाब-हरियाणा सहित देश के कई अन्य राज्यों में भी प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है, जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर दुष्प्रभावों को लेकर भी आशंका जताई गई है।

दिल्ली पिछले कई वर्षों से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दिल्ली पिछले कई वर्षों से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बनी हुई है, जिसका मतलब है कि लगभग 33 मिलियन लोग (3.3 करोड़) लोगों में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का गंभीर जोखिम बना हुआ है। शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा संकलित इस वर्ष के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक के अनुसार, दिल्ली के लोग जिस खराब गुणवत्ता वाली हवा में सांस लेते हैं, उसके कारण उनका जीवन करीब 11.9 वर्ष कम हो सकता है। साल-दर साल ये खतरा बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, इस साल अक्टूबर में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 2020 के बाद सबसे खराब स्तर पर था।

हरियाणा के कई इलाके भी रेड जोन में

हरियाणा के भी कई इलाके भी रेड जोन की कैटेगिरी में आ चुके हैं। प्रदेश के 7 जिलों की हवा काफी गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। इन जिलों में एक्यूआई 400 से ऊपर (बहुत गंभीर स्तर) पहुंच चुका है जो बेहद चिंताजनक है। प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ता है। इसके मद्देनजर हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पॉल्यूशन से प्रभावित शहरों में प्रदेश सरकार से प्राइमरी स्कूल बंद करने की सिफारिश की है। फरीदाबाद का औसत एक्यूआई 460 दर्ज किया गया। दिल्ली सरकार ने पहले ही शुक्रवार व शनिवार को स्कूल बंद करने का निर्देश जारी कर चुकी है।

इन लोगों में प्रदूषण के ज्यादा असर का खतरा

दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि जिन लोगों को पहले से ही श्वसन समस्याएं, हृदय रोग और इंफ्लामेटरी बीमारियां रही हैं उनमें प्रदूषण के कारण इनके ट्रिगर होने का भी खतरा हो सकता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर वायु प्रदूषण के गंभीर दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं। प्रदूषण के संपर्क में रहने वाले लोगों में स्ट्रेस होने और गंभीर स्थितियों में अवसाद का जोखिम बढ़ने का भी खतरा हो सकता है।

प्रदूषण से बचाव के करें उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रदूषण के जोखिमों से बचाव के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है। ये हवा में मौजूद विषाक्तता को श्वसन तंत्र में प्रवेश करने से रोकता है। इसके अलावा शरीर के हाइड्रेशन का ध्यान रखें। इससे गले में खराश और श्वसन से संबंधित जटिलताओं के खतरे को कम किया जा सकता है। अस्थमा और सीओपीडी वाले लोगों के लिए बढ़ता प्रदूषण और भी समस्याकारक हो सकता है, इसलिए डॉक्टर के संपर्क में रहें और बचाव के लिए निरंतर उपाय करते रहें।

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