Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही, 38 लोगों की मौत

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किश्तवाड़ जिले के चसोती में बादल फटने के बाद का मंजर।

Kishtwar cloudburst News, (आज समाज), श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले (Kishtwar District) में बादल फटने से बड़े पैमाने पर तबाही मच गई है। घटना जिले के चसोती (Chasoti)  कस्बे में हुई है और 38  लोगों की मौत हो गई है, 70 से ज्यादा लोग घायल और कई लापता हैं। मृतक संख्या बढ़ सकती है। करीब 100 लोगों को बचा लिया गया है। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Chief Minister Omar Abdullah) ने हादसे पर दुख जताया है।

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सेना और वायुसेना भी सक्रिय

एक अधिकारी ने बताया कि जेएंडके में अचानक हुई भारी बारिश के बीच किश्तवाड़ जिले के चसोती में बादल फटा और इसमें 38 लोगों की मौत हो गई। 70 से ज्यादा लोग घायल व कई लोगों के लापता होने की आशंका है। खोज और बचाव अभियान जारी है। सेना और वायुसेना की टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है। बता दें कि किश्तवाड़ जिले का चसोती क़स्बा एक लोकप्रिय तीर्थयात्रा मार्ग है।

सामुदायिक रसोईघर व एक सुरक्षा चौकी बही

किश्तवाड़ के चसोती में आज हुई बादल फटने की घटना को लेकर अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा कि क्लाउडबर्स्ट के कारण आई बाढ़ में गांव में स्थापित एक सामुदायिक रसोईघर व एक सुरक्षा चौकी बहा गई है। उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दोपहर के भोजन के लिए सामुदायिक रसोईघर इकट्ठा हुए थे और वे बह गए। अब तक कई लोग लापता हैं।

नुकसान का आकलन किया जा रहा : जितेंद्र सिंह 

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, बादल फटने की घटना के बाद किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात हुई है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है आवश्यक बचाव एवं चिकित्सा प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।

खबर बेहद गंभीर और सटीक : मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, खबर गंभीर और सटीक है। उन्होंने कहा, बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र से सत्यापित जानकारी आने में देरी हो रही है। टेलीविजन फुटेज में गांव में पानी भरा दिखाया गया है। तीर्थयात्री रोते बिलखते भी देखे गए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार आपदा स्थानीय समयानुसार आज सुबह 11.30 बजे आई। सूचना के बाद लोकल पुलिस और आपदा प्रतिक्रिया अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव का काम शुरू करवाया।

उत्तराखंड के धराली गांव में एक हफ्ता पहले हुई थी तबाही 

गौरतलब है कि इससे करीब एक सप्ताह पहले उत्तराखंड के धराली गांव में बादल फटने से पूरा का पूरा गांव तबाह हो गया है। बादल फटने के बाद भारी बाढ़ और भूस्खलन के कारण गांव में 25 से 40 फीट तक मलब जमा है और लापता लोगों में से कुछ के मलबे में दबे होने की आशंका है।

जानिए क्या होता है बादल फटना

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, बादल फटना, केवल एक घंटे में 100 मिमी (4 इंच) से अधिक की अचानक व  तीव्र बारिश है। खासकर मानसून के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में यह अचानक भूस्खलन, बाढ़ और तबाही का कारण बन सकती है।
श्रीनगर स्थानीय मौसम कार्यालय ने पहले ही आज के लिए किश्तवाड़ सहित कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की थी और निवासियों से ढीली संरचनाओं, बिजली के खंभों और पुराने पेड़ों से दूर रहने को कहा था।

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