- ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने दीदी को बताया दिव्य गुणों की खान
(Chakrhi Dadri News) बाढड़ा। मनमोहिनी दीदी अपनी योग साधना से किसी भी दुखी अशांत आत्मा के मन को इस तरह से मोह लेती थी वह सुख शांति आनंद की अनुभूति करने लगता था। वास्तव में मनमोहिनी दीदी दिव्य गुणों की खान थी ने यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में मनमोहिनी दीदी जी के 42वें स्मृति में दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने वक्त किए। उन्होंने कहा दीदी प्रकृति प्रेमी थी उनकी स्मृति में पार्क में सहेजना का पौधा लगाया गया।
वसुधा बहन ने कहा कि दीदी जी हरेक से गुण उठती थी। हर कार्य खुद करके दूसरों से कराती थी। दीदी सच्ची पतिव्रता, सतीव्रता, पिताव्रता थी। ब्रह्माकुमारी बहन ने कहा कि दीदी सच्ची तपस्वी गोपी थी उन्होंने बच्चे बूढ़े जवान सभी को परमपिता परमात्मा शिव की दिव्य शिक्षाओं से भरपूर कर आध्यात्मिकता का पाठ पढ़ाया। अपने स्नेह और प्यार से अनेकों भाई बहनों को दिव्य गुण और शक्तियों का अनुभव करवा समाज के नव निर्माण में लगाया।
झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि हमें मनमोहनी दीदी जी के पद चिन्हों पर चलकर समाज को दिव्य गुण और शक्तियों से भरपूर कर स्वर्णिम समाज का निर्माण करना होगा। ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने दीदी मनमोहिनी के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए भाई बहनों को कहा कि हमें अपने जीवन में नैतिक आध्यात्मिक और चारित्रिक मूल्यों को धारण कर समाज को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प लेना है यही उनके लिए सच्ची सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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