Central government pushed the country towards economic emergency – Congress: केंद्र सरकार ने देश को आर्थिक आपातकाल की ओर धकेला-कांग्रेस

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि केंद्र सरकार देश की आर्थिक हालत पर एक सप्ताह के अंदर श्वेत पत्र जारी करे। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा केंद्र सरकार को लाभांश और अधिशेष कोष के मद से 1.76 लाख करोड़ रुपये देने का निर्णय किया है। कांग्रेस की ओर से केंद्र सरकार पर देश को आर्थिक आपातकाल और दिवालियेपन की तरफ धकेलने का आरोप लगाया गया। आरबीआई से पैसे लेने का अर्थ यह है कि देश की अर्थव्यवस्था खतरे में है। आरबीआई के सभी गवर्नर आरबीआई से पैसे सरकार को देने के पक्ष में नहीं थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि आरबीआई से जुड़ा निर्णय यह साबित करता है कि देश की अर्थव्यवस्था संकट में है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत एक गहरे आर्थिक संकट में है। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। जीडीपी निरन्तर गिर रही है। अर्थव्यवस्था के सभी सूचकांक नीचे हैं। रुपये का लगातार अवमूल्यन हो रहा है।’ भाषा के अनुसार, शर्मा ने कहा कि वास्तव में भारत बेरोजगारी 20 फीसदी से ऊपर है। हर जानकार अर्थशास्त्री इससे सहमत होगा। लोगों को कर्ज भी नहीं मिल रहा है। देश का निर्यात जहां पांच साल पहले था वहीं अटका हुआ है। इसमें बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरबीआई से पैसा लेने का निर्णय खतरनाक है। दुनिया में कहीं भी केंद्रीय बैंक अपने फंड का पैसा सरकार को नहीं देता। इससे भारत की अर्थव्यवस्था के गहरे संकट में होने की पुष्टि है। शर्मा ने कहा कि आरबीआई के सभी पुराने गवर्नर ने इसका विरोध किया था। रघुराम राजन ने इसका विरोध किया और उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया। ये हालात इस सरकार की नीतियों और बदइंतजामी से पैदा हुए हैं। सरकार कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने दावा किया, ”सरकार घाटे में है, बजट गलत बना दिया। सब्सिडी बन्द कर दी। इन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा। देश को आर्थिक आपातकाल और दिवालियेपन की तरफ धकेल दिया।शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री अब इस स्थिति को नकार नहीं सकते। सरकार एक सप्ताह के भीतर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर श्वेतपत्र लाए। इससे पहले पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या आरबीआई से मिले इस पैसे का इस्तेमाल भाजपा के पूंजीपति मित्रों को बचाने के लिए होगा।

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