Shashi Tharoor stranded praising PM Modi, : पीएम मोदी की तारीफ कर फंसे शशि थरूर, कहा, मुझे असहमत होने के बावजूद वे मेरे रुख का सम्मान करें

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नई दिल्ली। कांग्रेस में रहकर पीएम मोदी की तारीफ करना यह कहीं से भी उचित नहीं है। कांग्रेस पार्टी इस पर सख्त एक्शन लेती है। कांग्रेसी सांसद और कद्दावर नेता शशि थरूर के लिए पीएम मोदी के लिए तारीफ के दो बोल बोलना मुसीबत का सबब बन गया है। पहले कांग्रेस सांसदों ने थरूर की आलोचना की अब केरल कांग्रेस ने उनसे जवाब मांगा है। आपको बता दें कि थरूर ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सही चीजों को लेकर प्रशंसा की जानी चाहिए। पार्टी के नेताओं की आलोचनाओं से बेपरवाह थरूर ने कहा कि उनके रुख में कुछ भी गलत नहीं है। केरल कांग्रेस के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने स्पष्ट किया कि थरूर को पीएम की प्रशंसा करने पर स्पष्टीकरण देना होगा। उनके स्पष्टीकरण के आधार पर भविष्य की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा। विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला ने कहा था कि मोदी सरकार की ‘गलतियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा कि थरूर का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और वह उनसे बात करेंगे। वे तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर के इस विचार पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि सही चीज करने पर प्रधानमंत्री की सराहना करने से विपक्ष की आलोचना की साख बनेगी। थरूर और उनके सहयोगी अभिषेक मनु सिंघवी ने पिछले हफ्ते पार्टी नेता जयराम रमेश का समर्थन किया था जिन्होंने कहा है कि मोदी के काम को नहीं स्वीकारने और उन्हें हर समय उन्हें ‘दानव की तरह पेश करने से कोई फायदा नहीं होने वाला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘हमेशा खलनायक’ की तरह पेश नहीं करने से जुड़े जयराम रमेश के बयान का खुलकर समर्थन करने के कारण अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं के निशाने पर आए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि वह मोदी सरकार की रचनात्मक आलोचना करते रहे हैं तथा कांग्रेसजनों के उनके रुख का सम्मान करना चाहिए। केरल कांग्रेस की ओर से उनसे स्पष्टीकरण मांगे जाने की खबर सामने आने के बाद थरूर ने कहा, ”मैं मोदी सरकार का कटु आलोचक रहा हूं और मैं उम्मीद करता हूं कि यह रचनात्मक आलोचना रही है। समावेशी मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों का बचाव करते हुए मैं तीन चुनाव जीता हूं। मैं कांग्रेस के साथियों से आग्रह करता हूं कि मुझे असहमत होने के बावजूद वे मेरे रुख का सम्मान करेंगे।”

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