सोमवार को सीजफायर और टैरिफ समझौते ने लगाए शेयर मार्केट को पंख
Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : सोमवार को भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह से गुलजार रहा। मार्केट के जानकारों का मानना है कि यह बढ़त आने वाले समय में भी जारी रहेगी। जानकार इसके पीछे दो वजह बता रहे हैं। इनमें से पहली है भारत और पाकिस्तान के बीच जारी युद्ध का खतरा अब लगभग समाप्त हो चुका है। जिससे निवेशकों में उत्साह व विश्वास का संचार हुआ है वहीं दूसरी वजह है टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच नया समझौता हो चुका है। जिससे जहां विश्व में टैरिफ वार का खतरा समाप्त हो चुका है वहीं दोनों देश एक बार फिर से मिलकर व्यापार पर फोकस करेंगे जो भारत के साथ-साथ विश्व के सभी विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण है।
2975 अंक उछला सेंसेक्स
सोमवार को सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.74 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,429.90 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 916.70 अंक या 3.82 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,924.70 अंक पर बंद हुआ। इस तेजी के पीछे के कारण बताते हुए मार्केट के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम ने बाजार में तेज उछाल का मार्ग प्रशस्त किया है।
उच्च जीडीपी वृद्धि और वित्त वर्ष 26 में आय वृद्धि के पुनरुद्धार तथा मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में गिरावट जैसी घरेलू मैक्रोज बाजार में उछाल के फिर से शुरू होने के लिए शुभ संकेत हैं। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच शांति के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निरंतर खरीदारी भी आज की तेजी का मुख्य कारण है। हालांकि, व्यापक सूचकांकों में उछाल के बीच, फार्मा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को अपेक्षाकृत झटका लगा है।
इसलिए उछले फार्मा शेयर
फार्मा शेयरों ने इस खबर से संकेत लिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आज दिन में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसका उद्देश्य प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की लागत को 30-80 प्रतिशत तक कम करना है। निफ्टी फार्मा सबसे कम बढ़त, बाकी सूचकांक 2 से 4 फीसदी उछले। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि अन्य क्षेत्रीय सूचकांक 2-4 प्रतिशत तक उछले।
भारतीय शेयर बाजार में फार्मा सेक्टर के शेयरों ने अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की कीमतों में कटौती करने के उद्देश्य से ट्रम्प द्वारा प्रत्याशित कार्यकारी आदेश के कारण शुरूआती दबाव के बावजूद मजबूत लचीलापन दिखाया। राष्ट्रपति ट्रम्प की ओर से अमेरिका में दवाओं की कीमतों में कमी करने की नवीनतम घोषणा से फार्मा शेयरों पर निकट भविष्य में दबाव पड़ सकता है। अमेरिका-चीन टैरिफ डील भारतीय दृष्टिकोण से थोड़ी निराशाजनक होगी क्योंकि भारत अन्य देशों से पहले अमेरिका के साथ जल्दी डील की उम्मीद कर रहा था।
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