हिंदू नववर्ष के राजा होंगे शनि देव Beginning of Hindu New Year

0
614
Beginning of Hindu New Year
Beginning of Hindu New Year

Beginning of Hindu New Year

आज समाज डिजिटल, अम्बाला:
Beginning of Hindu New Year : हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है। इसे ही गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है। इसी दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू होते हैं। मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (Gudi Padwa) को ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की। इसीलिए इसे वर्ष प्रतिपदा के नाम से जाना जाता है। इस दिन सूर्योदय के समय, जो वार (दिन) होता है। वही वर्ष का राजा कहलाता है। इस वर्ष दो अप्रैल को शनिवार होने से वर्ष के राजा न्याय के देवता शनि हैं।

ज्योतिषाचार्य रामचंद्र शर्मा वैदिक ने बताया कि नव संवत्सर आरम्भ करने की विधि यह है कि जिस राजा या नरेश को अपना संवत आरम्भ करना हो उसे प्रजा को ऋण मुक्त करना होता है। इस शास्त्रीय विधि का पालन उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने किया था। उन्हीं के नाम से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरम्भ नववर्ष का नाम विक्रम प्रारम्भ हुआ।

राजा शनि होंगे राजा

Beginning of Hindu New Year
Beginning of Hindu New Year

ज्योतिषाचार्य ने बताया इस बार हिंदू नववर्ष के मंत्रिमंडल में वर्ष का राजा शनि, मंत्री गुरु, सस्येश (ग्रीष्मकालीन फसलों के स्वामी ) शनि, धान्येश (खाद्य मंत्री) शुक्र, मेघेश (वर्षा के स्वामी) बुध, र सेश चन्द्रमा, नीरशेष (धातुओं के स्वामी शनि), फलेश ( फलों के स्वामी) मंगल, धनेश( वित्तमंत्री) शनि व दुर्गेश (सेनापति-रक्षा मंत्री) बुध होंगे। इस प्रकार नववर्ष के मंत्रिमंडल में चार महत्वपूर्ण पद शनि को प्राप्त हुए हैं। यानि मंत्रिमंडल में शनि का आधिपत्य रहेगा।

नौ दिन करें मां की उपासना

Beginning of Hindu New Year
Beginning of Hindu New Year

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि वर्ष प्रतिपदा से वासंतिक नवरात्रि का आरंभ होता है। इस वर्ष देवी आराधना के पूरे नौ दिन है। दो अप्रैल को घट स्थापना होगी। 10 अप्रैल को रामनवमी के साथ नवरात्रि का समापन होगा। नवरात्रि में मातारानी घोड़े पर सवार हो आएंगी और भैंसे पर सवार हो जाएंगी। संहिता ग्रंथों में घोड़े को युद्ध व भैंसे को रोग, कष्ट व दु:ख का प्रतीक बताया है।

निरोगी रहने को ये करें काम 

Beginning of Hindu New Year
Beginning of Hindu New Year

धर्म शास्त्रों की मान्यता है कि गुड़ी पड़वा (वर्ष प्रतिपदा) पर अपने अपने घरों में ध्वजा लगाना चाहिए। ध्वजा ऐश्वर्य और विजय का प्रतीक है। आज के दिन वर्ष के स्वामी अर्थात ब्रह्माजी का पूजन भी करना चाहिए। सुबह तेल लगाकर स्नान करने का भी महत्व बताया गया है। इस दिन नीम की कच्ची कोपलों में हींग, जीरा नमक, अजवाइन, काली मिर्च के सेवन का भी महत्व बताया गया। आयुर्वेद की मान्यता है कि इसके सेवन से वर्षभर निरोगता बनी रहती है।

Beginning of Hindu New Year

Read Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook