Ashwini Vaishnaw: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की पहचान का महत्वपूर्ण उदाहरण

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Ashwini Vaishnaw
Ashwini Vaishnaw: 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की पहचान का महत्वपूर्ण उदाहरण

Ashwini Vaishnaw lauds Operation Sindoor, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की। उन्होंने कहा, इसे भारत की पहचान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई शानदार भूमिका का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन बताया। केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश के जेवर में भारत की छठी सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बारे में प्रेस को संबोधित किया।

ऑपरेशन सिंदूर नए सिद्धांत का भी उदाहरण

वैष्णव ने मीडिया से बात करते हुए ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले का सैन्य जवाब न केवल देश की सामरिक क्षमताओं का प्रमाण है, बल्कि केंद्र के निर्णायक नेतृत्व में लागू किए गए नए रक्षा सिद्धांत को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा, आपरेशन सिंदूर भारत की ‘अस्मिता’ (पहचान), हमारे सशस्त्र बलों की भूमिका और निर्णायक नेतृत्व का एक बहुत ही महत्वपूर्ण उदाहरण है। यह गठित किए गए नए सिद्धांत का भी उदाहरण देता है। यह देश के लिए एक सराहनीय विकास है।

जेवर हवाई अड्डे के पास छठी सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई

उत्तर प्रदेश के जेवर में भारत की छठी सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई एचसीएल और फॉक्सकॉन के बीच एक संयुक्त उद्यम होगा और इसे जेवर हवाई अड्डे के पास स्थापित किया जाएगा। उत्पादन 2027 में शुरू होगा। एचसीएल का हार्डवेयर विकसित करने और निर्माण करने का लंबा इतिहास रहा है और फॉक्सकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में एक वैश्विक नेता है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अन्य पांच इकाइयों पर काम चल रहा है और इस साल के अंत में इनका उद्घाटन होने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि जेवर इकाई की क्षमता 20,000-वेफर-प्रति माह होगी और यह प्रति माह 36 मिलियन (3.6 करोड़) चिप्स का उत्पादन करेगी।

3,700 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करेगी चिप इकाई

जेवर प्लांट में उत्पादित चिप्स का इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप, आॅटोमोबाइल और पीसी सहित अन्य चीजों में किया जाएगा। भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग अभी भी एक नवजात अवस्था में है, जिसमें विभिन्न स्थानीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियां इसकी विशाल क्षमता का दोहन करने का इरादा रखती हैं। कोविड-19 के दौरान चिप की कमी ने इस कमी को पूरा करने, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए और स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी विनिर्माण के महत्व को महसूस किया।
अश्वनी वैष्णव ने बताया कि चिप इकाई 3,700 करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करेगी।

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