कश्मीरी पंडितों के विस्थापन और ईबीपीजी आरक्षण के लिए ब्राह्मण एकजुट हों: विनोद शर्मा Naagarik Abhinandan Samaroh

0
269
Naagarik Abhinandan Samaroh
Naagarik Abhinandan Samaroh

Naagarik Abhinandan Samaroh

HEADLINES : 

  • ब्राह्मण समाज को दिए दो रेज्यूलेशन, एक कश्मीरी पंडितों के लिए धन एकत्रित करने और दूसरा ईबीपीजी के लिए एकजुट होने का
  • कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के लिए जो धनराशि एकत्रित होगी, उसमें वो अपनी तरफ से करेंगे 50 लाख का सहयोग
  • ब्राह्मण समाज ने किया नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन

आज समाज डिजिटल, जींद:
Naagarik Abhinandan Samaroh : पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा ने कश्मीरी पंडितों के साथ पूर्व में हुई घटनाओं पर दुख जताते हुए ब्राह्मण सामज से आह्वान किया कि हर जिला में दो रेज्युलेशन पास किए जाएं। इसमें सबसे पहले कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के लिए धन एकत्रित हो। जो भी राशि ब्राह्मण समाज की ओर से एकत्रित होगी वे उसमें अपनी तरफ से 50 लाख रुपये डालेंगें। इस राशि को अक्षय तृतीया के दिन कश्मीरी पंडितों के सहायतार्थ लगाया जाएगा।

ये है दूसरा रेल्यूलेशन

Naagarik Abhinandan Samaroh
Naagarik Abhinandan Samaroh

दूसरे रेज्यूलेशन के तहत ईबीपीजी को फिर से बहाल करवाने के लिए एकजुटता दिखाई जाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा शनिवार को ब्राह्मण धर्मशाला में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। संबोधित कर रहे थे। इस से पहले ब्राह्मण समाज की ओर से पूर्व मंत्री विनोद शर्मा को सम्मान स्वरूप पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 1970 व 80 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ वो किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज के माध्यम से कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अन्याय की जांच कराए। देशभर में अपनी पहचान को तरस रहे इन कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के लिए नीति बनाई जाए।

उन्होंने कहा कि ब्राह्मण, बनिया, राजपूत और पंजाबी को ईबीपीजी के तहत आरक्षण दिलवाने के लिए जो लड़ाई लड़ी गई थी, वो आसान नहीं थी। कई लोगों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन जब इस आरक्षण के लाभ सामने आने लगे तो वही लोग इस आरक्षण की प्रशंसा करने लगे। इसके लिए अखिल भारतीय आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीयध्यक्ष हरिराम दीक्षित बधाई के पात्र हैं। उन्होंने ही इस आरक्षण की अकेले लड़ाई शुरू की थी। पूर्व मंत्री ने कहा कि यह आरक्षण केवल एक समाज के लिए नहीं था बल्कि इसमें बनिया, पंजाबी व राजपूत भी शामिल थे। आरक्षण मिलते ही इन चारों समाज के होनहार बच्चों को नौकरी मिलने लगी थी। परंतु पक्षपात के चलते ईबीपीजी के तहत मिले आरक्षण का लाभ अब नहीं दिया जा रहा है।

समाज के युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। यह आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए था, क्योंकि देशभर की बात की जाए तो 95 प्रतिशत लोग इस श्रेणी में आते हैं। ऐसे में यह आरक्षण आर्थिक रूप से पिछडों के लिए वरदान भी था। अब समय आ गया है कि फिर से एकजुटता दिखाते हुए इस आरक्षण की बहाली को लेकर ब्राह्मण समाज के साथ-साथ अन्य सामाज को आवाज बुलंद करे। इस आरक्षण की बहाली को लेकर वो समाज के साथ हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिभावान युवाओं के साथ नौकरियों में भेदभाव न हो, इसके लिए एचएसएससी कार्यालय का घेराव तक किया गया था। जिसका असर यह हुआ कि तीसरे और चौथी कैटेगरी के लिए साक्षात्कार को बंद कर दिया गया, लेकिन अभी भी पहली और दूसरी कैटेगरी के लिए साक्षात्कार जारी है।

साक्षात्कार प्रक्रिया में भी खत्म हो दोनों कैटेगरी

Naagarik Abhinandan Samaroh
Naagarik Abhinandan Samaroh

उनका प्रयास है कि इन दोनों कैटेगरी में भी साक्षात्कार प्रक्रिया को खत्म किया जाए, जिससे कि साक्षात्कार प्रक्रिया में कम अंक दिए जाने के चलते प्रतिभावन युवाओं का भविष्य खराब न हो। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज अपने आप को कमजोर न समझें। ब्राह्मण समाज अगर देना जानता है तो वो लेना भी जानता है। उन्होंने मंच से ब्राह्मण समाज से आह्वान किया कि वो प्रदेशभर में जिलावार सभाएं कर इबीपीजी की फिर से बहाली को लेकर रेल्यूलेशन पास करें। जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

ये लोग रहे मौजूद

इस मौके पर हरिराम दीक्षित, ब्राह्मण सभा के प्रधान सियाराम शास्त्री, विनोद आशरी, रघुवीर भारद्वाज, मीना शर्मा, धर्मबीर पिंडारा, सुधीर कौशिक, रामफल शर्मा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

Naagarik Abhinandan Samaroh

Read Also : कांग्रेसी विधायक बोले- आम आदमी पार्टी लालच देकर कर रही संपर्क Anirudh Singh Targeted AAP