Young MP Kartikeya Sharma : सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सीबीडी के चिकित्सा संबंधी प्रयोग को लेकर जानकारी मांगी

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Young MP Kartikeya Sharma
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Aaj Samaj (आज समाज),Young MP Kartikeya Sharma, चंडीगढ़ : युवा सांसद कार्तिकेय शर्मा लगातार आमजन व राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं। इसी कड़ी में सदन में उन्होंने आयुष मंत्रालय से सवाल पूछा कि देश में दर्द और स्ट्रैस के उपचार में कैनबिडिओल (सीबीडी) के संभावित लाभों को देखते हुए कैसे इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। सीबीडी के उचित उपयोग और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जनता और स्वास्थ्य देखरेख पेशेवरों को शिक्षित करने, ध्यानपूर्वक खुराक को सुनिश्चित करने और इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या दर्द और चिंता के उपचार से परे सीबीडी के उपयोग के दायरे का विस्तार करने की कोई योजना है।

इसको लेकर रिसर्च के संभावित फिल्ड कौन कौन से हैं और रोजगार सृजन और राजस्व सृजन सहित देश में सीबीडी उद्योग के समग्र विकास और आर्थिक प्रभाव संबंधी ब्यौरा क्या है? इसको लेकर आयु सर्बानंद सोनोवाल ने इसके लिखित जवाब में कहा कि भांग (बीजों को छोड़कर) को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की अनुसूची ङ-1 में सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें सिद्ध और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों सहित आयुर्वेदिक के विषाक्त पदार्थों की सूची शामिल है। इसके अतिरिक्त, कैनबिडिओल, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 3 (क) और 3 (ज) (झ) तथा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 158-ख में यथानिर्धारित आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी औषधियों की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है।औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 161 (2) के अनुसार, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की अनुसूची ङ (1) में उल्लिखित सामग्रियों वाली औषधियों पर स्पष्ट रूप से अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में यह लेबल लगाया जाना चाहिए “चेतावनी चिकित्सकीय देखरेख में लिया जाए”।

इसके अतिरिक्त, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उसके तहत नियमों में आयुर्वेद औषधियों की बिक्री के लाइसेंस के प्रावधान उपलब्ध नहीं हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के पत्र क्रमांक फा.सं.- 25/64/2022 सीसीपीए, 14 जुलाई 2022 द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को एक सलाह भी जारी की गई है कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 की अनुसूची ङ (1) में सूचीबद्ध सामग्रियों वाली आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी औषधियों की बिक्री या बिक्री की सुविधा केवल पंजीकृत आयुर्वेद, सिद्ध या यूनानी चिकित्सक के वैध नुस्खे को उपयोगकर्ता द्वारा प्लेटफार्म पर अपलोड किए जाने के बाद ही प्रदान की जाए।

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