यमुनानगर: रोटरी क्लब ने 40 पौधे लगाकर मनाया स्थापना दिवस

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Plantation in Jatnagar
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प्रभजीत सिंह (लक्की) यमुनानगर: 
रोटरी क्लब रादौर की ओर से वीरवार को शहर में रोटरी क्लब का स्थापना दिवस व विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर क्लब के प्रधान एससी सैनी के नेतृत्व में सदस्यों ने शहर के जाटनगर में पौधारोपण अभियान चलाकर 40 पौधे लगाकर सभी को वातावरण हरा भरा रखने का संदेश दिया। इस अवसर पर क्लब के प्रधान डॉ. एससी सैनी ने कहा कि रोटरी इंटरनेशनल रोटरी क्लबों का संगठन है। रोटरी क्लब संसार भर में सेवा करने वाले क्लब हैं। यह पंथनिरपेक्ष (सेक्युलर) संगठन है जो जाति, लिंग, वर्ण या राजनैतिक विचारधारा के भेदभाव के बिना सबको सदस्य बनाती है। 1905 में पॉल हैरिस, जो पेशे से वकील थे और अन्य तीन लोगों ने मिलकर, अमेरिका के शिकागो में रोटरी की स्थापना की। रोटरी दुनिया का सबसे पहला सेवा संगठन बना। 1992 में ब्राजील में विश्व के 174 देशों का पृथ्वी सम्मेलन आयोजित किया गया। इसके पश्चात 2002 में जोहान्सबर्ग में पृथ्वी सम्मेलन आयोजित कर विश्व के सभी देशों को पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने के लिए अनेक उपाय सुझाए गये। पूरे विश्व में 32 हजार से अधिक रोटरी क्लब है जिसमें 13 लाख से अधिक लोग सदस्य हैं।
रोटरी के सदस्यों को रोटेरियंस कहा जाता है और वें पहनी हुई लेपल पिन के द्वारा आसानी से पहचाने जाते हैं। रोटरी व्हील, रोटरी इंटरनेशनल का आधिकारिक लोगो है। रोटेरियंस, स्थानीय रोटरी क्लब के सदस्य होते है और उनके क्लब द्वारा निर्धारित समय पर, हर हफ्ते एक बार मिलते हैं। विश्व भर में फैले असंख्य स्थानीय रोटरी क्लब रोटरी इन्टरनेशनल संस्था के आधार स्तंभ है। क्लब के मीडिया प्रभारी रामकुमार वर्मा ने बताया कि पर्यावरण के संरक्षण से ही धरती पर जीवन का संरक्षण हो सकता है। पर्यावरण संरक्षण करने के लिए जंगलों को न काटे जमीन में उपलब्ध पानी का उपयोग तब ही करें जब आपको जरूरत हो। कार्बन जैसी नशीली गैसों का उत्पादन बंद करे। उपयोग किए गए पानी का चक्रीकरण करें। जमीन के पानी को फिर से स्तर पर लाने के लिए वर्षा के पानी को सहेजने की व्यवस्था करें। ध्वनि प्रदूषण को सीमित करें। प्लास्टिक के लिफाफे छोड़ें और रद्दी कागज के लिफाफे या कपड़े के थैले इस्तेमाल करें। ज्यादा पैदल चलें और अधिक साइकिल चलाएं। प्रकृति से धनात्मक संबंध रखने वाली तकनीकों का उपयोग करें। जैसे  जैविक खाद का प्रयोग डिब्बाबंद पदार्थों का कम इस्तेमाल।  जलवायु को बेहतर बनाने की तकनीकों को बढ़ावा दें। पहाड़ खत्म करने की साजिशों का विरोध करें।
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