प्लाइवुड इंडस्ट्री में लक्कड़ का संकट अब सप्ताह में 5 दिन चलेगी यूनिट

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Yamunanagar news/Lumber crisis in plywood industry Now unit will run 5 days a week
Yamunanagar news/Lumber crisis in plywood industry Now unit will run 5 days a week
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
प्लाइवुड इंडस्ट्री इन दिनों कच्चा माल की पूर्ति न होने पर लड़खड़ा ही हुई है। हालात ऐसे हैं कि इंडस्ट्री को व्यापारियों को बंद करना पड़ता है और लेबर खाली बैठती है। इसी के चलते अब प्लाईवुड व्यापारी सप्ताह में पांच दिन ही फैक्ट्रियां चलाएंगे। यह निर्णय प्लाईवुड व्यापारियों की एसाेसिएशन ने लिया है। इस संबंध में एसोसिएशन की जिमखाना क्लब में बैठक हुई। सभी व्यापारियों ने सहमति से शुक्रवार की रात आठ बजे से सोमवार की सुबह आठ बजे तक फैक्ट्रियों में उत्पादन बंद रखने का फैसला लिया है। यह फैसला इस महीने के चौथे सप्ताह तक लागू रहेगा।

14 और 15 अगस्त को यूनिट बंद रहेगी

प्लाईवुड व्यापारी एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान सतीश चौपाल ने बताया कि व्यापारी लकड़ी की खरीद कर सकता है। यदि कोई व्यापारी शुक्रवार की रात को कोर सुखाना चाहता है, तो उसे अपने फर्म के नाम पर लिखित पत्र के साथ एसोसिएशन के प्रतिनिधि को इसकी जानकारी देनी होगी। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर भी फैक्ट्रियां बंद रहेगी, लेकिन उस सप्ताह शनिवार यानि 13 अगस्त को फैक्ट्रियां खुली रहेगी। 14 और 15 अगस्त को यूनिट बंद रहेगी।

हर रोज 2 से ढाई लाख की खपत

यमुनानगर जिले में प्लाई बोर्ड की करीब एक हजार यूनिट है। वन विभाग द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक हर रोज इन यूनिट में दो से ढाई लाख क्विंटल कच्चे माल माल की खपत है, लेकिन बरसात व खेत खाली न होने के कारण मंडी में कच्चा माल बहुत ही कम आ रहा है। माल कम आने के कारण से पॉपुलर व्यवस्था पौधे के रेट भी आसमान पर हैं। लकड़ मंडी के पूर्व प्रधान अशोक गुर्जर का कहना है इन दिनों पॉपुलर की कटाई कम होती है जिस कारण मंडी में कच्चा माल कमा रहा है सामान्य दिनों में 1200 से 1500 लक्कड़ से लोड लोड होकर मंडी में पहुंचते थे। अब इनकी संख्या घटकर 300 से 400 पर रह गई है। 85 परसेंट माल उत्तर प्रदेश व पंजाब से आता है। बरसात के मौसम व धान की कटाई के बाद लक्कड़ की आवक बढ़ सकती है।

बोर्ड की बाजार में डिमांड भी नहीं

व्यापारियों के मुताबिक बोर्ड तैयार करने के लिए कच्चा माल मंडी में उपलब्ध नहीं है ।अधिक दाम पर पॉपुलर व सफेदा खरीदना पड़ रहा है। वहीँ जो माल तैयार हो रहा है। वह फैक्ट्री के स्टोर में रखा हुआ है। बाजार में इन दिनों बोर्ड की डिमांड बहुत कम है। बरसाती सीजन में निर्माण कार्य भी कमी होते हैं इन्हीं कारणों से सप्ताह में 5 दिन  24 घंटे में एक शिफ्ट फैक्ट्री चलाने का फैसला लिया गया है। जब लकड़मंडी में लकड़ की आवक बढ़ जाएगी उसके बाद इस फैसले को बदला जाएगा।
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