World Turtle Day: हरियाणा में एक ऐसा गांव भी जहां 100 वर्ष पुराने कछुओं को देखने के लिए बाहर से भी पहुंचते हैं लोग

0
191
World Turtle Day

Aaj Samaj (आज समाज), World Turtle Day, चंडीगढ़: आज वर्ल्ड टर्टल डे यानी विश्व कछुआ दिवस था। मान्यता है कि कछुआ घर में सुख-समृद्धि लाता है। भारत में कई जगह चिड़ियाघर व तालाब आदि में कछुओं को रखा जाता है और उनकी सुरक्षा की जाती है।

हरियाणा में भी एक ऐसा गांव है जहां 100 साल पूराने कछुए हैं और प्रदेश के अलावा बाहर से भी लोग इन्हें देखने आते हैं, क्योंकि यह पर्यटन स्थल बन चुका है। प्रदेश के फतेहाबाद जिले के गांव काजलहेड़ी में स्थित एक तालाब में लगभग 100 वर्ष पुराने कछुए आज भी सुरक्षित माहौल में पल रहे हैं। दूर-दूर से लोग इन्हें देखने के लिए गांव पहुंचते हैं। इस वजह से गांव काफी प्रसिद्ध होता जा रहा है और यह पर्यटन स्थल बन चुका है।

बिश्नोई बहुल गांव होने के कारण होती है बेहतर हिफाजत

तालाब के पास अगर ताली बजाई जाए तो तुरंत सभी कछुए पानी से बाहर निकल आते हैं। इस कारण दृश्य और भी आकर्षक हो जाता है। बिश्नोई बहुल गांव होने के कारण यहां जीव रक्षकों की कमी नहीं है। यही जीवरक्षक इन कछुओं की रक्षा करते हैं और इनके खाने का बंदोबस्त करते हैं।

तालाब में लगभग 200 से ज्यादा कछुए मौजूद : सरपंच

गांव के सरपंच का कहना है कि काजलहेड़ी में 300 वर्ष पहले से तालाब बना हुआ है और पांच एकड़ में बने इस तालाब में लगभग 200 से ज्यादा कछुए हैँ। पहले इस तालाब में कुछ ही कछुए थे लेकिन बाद में धीरे-धीरे इन कछुओं की संख्या बढ़ती गई।

वीकेंड में देखने के लिए पहुंचते हैं सैकड़ों लोग

ग्रामीणों का कहना है कि जिस किसी को भी वर्षों पुराने इन कछुओं के बारे में जानकारी मिलती है वह कई किलोमीटर दूर भी इन्हें देखने के लिए काजलहेड़ी आता है। वीकेंड यानी रविवार व शनिवार को छुट्टी के दिन इन कछुओं को देखने के लिए सैंकड़ों लोग यहां पहुंचते हैं।

नाथों का धुणा कछुओं के होने का प्रमुख कारण

कछुओं के होने का प्रमुख कारण तालाब के पास नाथों का धुणा होना बताया गया है। ग्रामीण बताते हैं कि नाथ संप्रदाय के लोग गंगा नदी में स्थान करने जाते थे तो उस समय कछुए साथ ले आते थे। धीरे-धीरे यहां कछुओं की संख्या बढ़ती गई।

एक वर्ष में लिया है इस प्रजाति के 25 से 30 नए कछुओं ने जन्म

एनपीसीआईएल यानि न्यूक्लियर पॉवर कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड ने सुरक्षा के मद्देनजर तालाब के चारों ओर जाली लगवा दी है ताकि किसी भी तरह से इन कछुओं को कोई नुकसान न पहुंचा सके। बीते एक वर्ष में इंडियन सॉफ्ट सॉल प्रजाति के 25 से 30 नए कछुओं ने जन्म लिया है।

भगवान विष्णु ने लिया था कछुए का अवतार

कछुआ न केवल फेंगशुई में विशेष स्थान रखता है, बल्कि इसका हिंदू पौराणिक कथाओं से भी संबंध है। किंवदंतियों के अनुसार, सागर मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लिया था। कछुए को घर में सही तरीके से रखने पर यह सौभाग्य तथा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

यह भी पढ़ें : UPSC Result: यूपीएससी में भी बेटियां अव्वल, चारों टॉपर लड़कियां, इशिता पहले स्थान पर

यह भी पढ़ें : Chhattisgarh-Telangana Border पर 10 नक्सली गिरफ्तार, हमले की बड़ी साजिश नाकाम

यह भी पढ़ें : G20 Meeting का आज दूसरा दिन, पहले दिन विदेशी मेहमानों ने किया डल झील का भ्रमण, ‘शिकारा’ की सवारी का लुत्फ उठाया

Connect With Us: Twitter Facebook

 

SHARE