Birth and Death Certificate जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करना बहुत ही सरल

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  • नगर निगम में उपलब्ध हैं जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करने की सेवा
  • नागरिक सरल हरियाणा या अटल सेवा केन्द्र से ऑनलाईन कर सकते हैं आवेदन
  • ऑनलाई ही प्राप्त होगा प्रमाण पत्र- निगमायुक्त नरेश नरवाल
  • निगमायुक्त की अपील- नागरिक दलालों के झंझट में ना पड़े
    प्रवीण वालिया, करनाल :
    नगर निगम द्वारा जन्म/मृत्यु से सम्बंधित सभी सेवाएं ऑनलाईन उपलब्ध करवाई जा रही हैं, जो आवेदक जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करना चाहता है, वह सरल हरियाणा पोर्टल (सरल हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन) या अपने नजदीकी अटल सेवा केन्द्र से ऑनलाईन आवेदन कर सकता है। आवेदक को ऑनलाईन ही जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है, इसके लिए व्यक्ति को नगर निगम कार्यालय में आने में आवश्यकता नहीं है, जिससे नागरिकों को फायदा हो रहा है। निगम में जन्म/मृत्यु शाखा का वर्ष 1970 से वर्तमान तक का रिकॉर्ड ऑनलाईन है।

ऑनलाई अप्लाई कर सकते हैं

सोमवार को नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अटल सेवा केन्द्र में जाकर जन्म, मृत्यु, नाम में संशोधन, विलम्ब केस तथा अन उपलब्धता प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए ऑनलाई अप्लाई कर सकता है। यह बहुत ही सरल है, इसके लिए किसी दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने बताया कि इसके लिए पहले उसे नगर निगम से फाईल लेनी होगी और उसमें बताए गए सभी जरूरी दस्तावेज लगाकर ऑनलाईन अप्लाई करना होगा। इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद व्यक्ति या आवेदक प्रमाण पत्र, अटल सेवा केन्द्र या सरल केन्द्र, जहां से भी अप्लाई किया जाता है, वहां से प्राप्त कर सकता है।

निगम कार्यालय में चक्कर काटने की जरूरत नहीं

उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति का रिकॉर्ड नगर निगम में उपलब्ध नहीं मिलता, उसे पहले निगम से अन उपलब्धता प्रमाण पत्र लेना होगा और उसके बाद अपना जन्म या किसी की मृत्यु का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए फाईल तैयार करनी होगी और उसमें अन उपलब्धता प्रमाण पत्र लगाना होगा। खास बात यह है कि आवेदक की फाईल किस स्टेज पर है, उसका संदेश उसे मोबाईल पर मैसेज के माध्यम से मिलता रहता है, अर्थात उसे इसके लिए निगम कार्यालय में चक्कर काटने की जरूरत नहीं होती।

15 वर्ष तक कभी भी लिखवा सकते हैं बच्चे का नाम

निगमायुक्त ने यह भी बताया कि बच्चे का जन्म रिकॉर्ड इन्द्राज करने के समय बच्चे के नाम का कॉलम खाली छोड़ दिया जाता है, जिसे माता/पिता शपथ पत्र देकर जन्म से 15 वर्ष तक कभी भी लिखवा सकते हैं। इस तरह के सर्टिफिकेट हासिल करना बहुत ही सामान्य सी बात है।

उन्होंने बताया कि यह सभी सेवाएं सरकार द्वारा सेवा के अधिकार के अंतर्गत निर्धारित समयावधि में नागरिकों को उपलब्ध करवाई जा रही है। निगमायुक्त ने बताया कि नागरिकों को कम से कम समय में अच्छी सेवाएं प्रदान करना नगर निगम की प्राथमिकता है।
उप-पंजीयक (जन्म/मृत्यु) डॉ. रमेश शर्मा ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि नवजात शिशु के जन्म के समय अस्पताल में नाम, पता इत्यादि ध्यानपूर्वक लिखवाएं, ताकि भविष्य में कोई असुविधा न हो।

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