आईएमटी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में दो अधिकारियों की जबरदस्ती ने ले ली दो युवकों की जान

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Two officers forcibly took the lives of two youths in IMT water treatment plant

संजीव कौशिक, रोहतक:

  • ट्रीटमेंट प्लांट के टैंक से मोटर निकालने के लिए बिना सुरक्षा उपकरणों के भेजे मजदूर
  • एक की होनी थी 2 महीने बाद शादी, पुलिस ने परिजनों की शिकायत के आधार पर किया मामला दर्ज।

आईएमटी में स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में दो अधिकारियों की जबरदस्ती की वजह से दो मजदूर युवकों की जान चली गई। क्योंकि उन्हें बिना सेफ्टी उपकरण के टैंक में मोटर उतारने के लिए भेज दिया गया और गैस की चपेट में आने के चलते दोनों की मौत हो गई परिजनों ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया। जिसके चलते भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था मौके पर एसडीएम, एसपी तथा अन्य विभागों के अधिकारी भी पहुंचे और लगभग 5 घंटे की मशक्कत के बाद दोनों युवकों के शव बाहर निकाले गए। आए दिन सीवरेज सिस्टम तथा वाटर टैंकों में हो रहे हादसों से प्रशासन सबक नहीं ले रहा इन टैंकों और सीवरेज सिस्टम की सफाई करने के लिए जो उपकरण सफाई कर्मचारियों को दिए जाने चाहिए उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे और गैस की वजह से बहुत से मजदूर अपनी जान गवा चुके हैं।

गैस की चपेट में आने से दोनों की हुई मौत

आज इसी अधिकारियों की लापरवाही के चलते 2 मजदूरों की जान चली गई क्योंकि उन्हें जबरदस्ती बिना सुरक्षा उपकरणों के टैंक में उतार दिया गया और रूपक तथा देवेंद्र गैस की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई यही नहीं रूप की तो 2 महीने बाद ही शादी भी थी। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया है। कि रोहतक जिले के अटायल गांव के रहने वाले रूपक व देवेंद्र आईएमटी स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ठेकेदार के पास मजदूरी करते थे। आज सुबह लगभग 10:00 बजे अधिकारियों ने रूपक को कह दिया कि ट्रीटमेंट प्लांट के टैंक से मोटर उतार ली है। वह यह काम करें रूपक विरोध किया तो उसे नौकरी से बाहर निकालने की धमकी दे दी गई।

5 घंटे बाद शवों को बाहर निकाला

रूपक जैसे ही वाटर टैंक के अंदर गया तो गैस की चपेट में आ गया और तुरंत ही बेहोश होकर पानी में जा गिरा और उसकी मौत हो गई इसके बाद देवेंद्र को भी जबरदस्ती टैंक में उतार दिया गया और उसे भी कोई सेफ्टी उपकरण नहीं दिया गया देवेंद्र भी नीचे जाते ही गैस की चपेट में आ गया और बेहोश होकर टैंक में गिर गया और उसकी मौत हो गई लगभग 1 घंटे तक जब कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा तो वहां पर परिजनों और कर्मचारियों ने हंगामा कर दिया। जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल के साथ साथ एसडीएम रोहतक राकेश सैनी भी मौके पर पहुंचे और शवों को टैंक से बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिया आखिर 5 घंटे बाद शवों को बाहर निकाला गया।

मौके पर पहुंची एसपी मेधा भूषण ने कहा की सूचना मिलते ही सभी अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे और शवों को बाहर निकालने का प्रयास शुरू कर दिया गया। परिवार वालों ने ट्रीटमेंट प्लांट के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। जिसके चलते पुलिस एफ आई आर दर्ज कर ली है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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