Trident Group : एचसी ने डेटा लीक/चोरी मामले में एनआईआईटी कर्मचारियों के खिलाफ राहत/स्टे देने से किया इनकार।

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एचसी ने डेटा लीक
एचसी ने डेटा लीक
  • एनआईआईटी ( अ ब कोफोर्ज लिमिटेड) के कर्मचारियों ने विश्व विख्यात कंपनी ट्राईडेंट ग्रुप का किय़ा था डेटा लीक व चोरी और जांच से बचने के लिए अदालत से मांगी थी राहत।

Aaj Samaj (आज समाज), Trident Group , अखिलेश बंसल, बरनाला:
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्राइडेंट ग्रुप डेटा लीक (चोरी) मामले में एनआईआईटी (अ ब कोफोर्ज लिमिटेड) के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ शुरु हुई जांच में राहत/स्टे देने से इनकार कर दिया है। यह जानकारी ट्राईडेंट उद्योग समूह के एडमिन प्रभारी रुपिंदर गुप्ता ने दी है।

यह बताया मामलाः-

ट्राइडेंट ने अपने आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रबंधन को एनआईआईटी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को आउटसोर्स किया था। साल 2018 में तीन साल के लिए ट्राइडेंट ने आईटी आप्रेशन से संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए आईटी सेवा प्रबंधन और आईटी सर्विसिस लीगल समझौते के लिए एनआईआईटी (अ ब कोफोर्ज लिमिटेड) के साथ समझौता किया था। एनआईआईटी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने अपना नाम बदलकर कॉफोर्ज लिमिटेड कर लिया है। एनआईआईटी के पूर्ववर्ती प्रमोटरों द्वारा अप्रैल 2019 में कंपनी की बागडोर बैरिंग प्राइवेट इक्विटी को सौंपने के लगभग एक साल से अधिक समय बाद कंपनी द्वारा इस नाम में बदलाव किया गया। लेकिन पंजाब पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने एनआईआईटी (अ ब कोफोर्ज लिमिटेड) के कर्मचारियों के खिलाफ जून, 2018 में एफआईआर दर्ज की थी।

जांच व कार्यवाई पर रोक लगाना हुआ असफलः

गौरतलब है कि मोहाली कोर्ट ने ट्राइडेंट ग्रुप के डेटा लीक/चोरी के मामले में आगे जांच करने के लिए कहा था लेकिन एनआईआईटी (अब कोफोर्ज लिमिटेड ) ने नोएडा और अन्य स्थानों पर अपने सर्वर की फोरेंसिक जांच से बचने के लिए इस कार्यवाही को रोकने का अनुरोध किया था। जिस पर एचसी ने एनआईआईटी ( अ ब कोफोर्ज लिमिटेड) के कर्मचारियों के खिलाफ राहत/स्टे देने से इनकार कर दिया।

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