Toyota Kirloskar ties up with Ohmium : टोयोटा किर्लाेस्कर मोटर ने बेंगलुरु स्थित ओहमियम इंटरनेशनल के साथ एक समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किये। इसके जरिये कंपनी ने कार्बन तटस्थता और स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के प्रति अपनी कटिबद्धता को मजबूत किया है जो भारत में ग्रीन हाइड्रोजन -आधारित एकीकृत ऊर्जा समाधानों के सह-विकास के लिए है। इसके तहत एक अग्रणी पीईएम, ओहमियम इंटरनेशनल के साथ हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी प्रदाता के साथ समझौता ज्ञापन किया गया है। इस रणनीतिक करार में टोयोटा की फुएल सेल टेक्नालॉजी और भविष्य के स्वच्छ ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। यह गतिशील और स्थिर अनुप्रयोगों में एक मजबूत हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कंपनी के अथक प्रयासों पर प्रकाश डालता है ।
इस सहयोग का उद्देश्य दोनों पक्षों की पूरक क्षमताओं का लाभ उठाना है – एक पीईएम हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी कंपनी, ओहमियम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए मॉड्यूलर, किफायती और स्केलेबल (जरूरत के अनुसार बड़ा या छोटा किये जाने योग्य) पीईएम इलेक्ट्रोलाइज़र में विशेषज्ञता रखती है और ईंधन-सेल प्रौद्योगिकी में अग्रणी, टोयोटा विभिन्न हाइड्रोजन अनुप्रयोगों में स्थिरता के लिये प्रयास करती है। दोनों पक्ष मिलकर माइक्रोग्रिड जैसे एकीकृत, हरित हाइड्रोजन चालित ऊर्जा समाधानों की व्यवहार्यता का आकलन करेंगे। इनका इस्तेमाल डेटा सेंटर, पर्यावरणीय प्रतिबंधों के प्रति संवेदनशील दूर-दराज के स्थानों आदि जैसे विविध उपयोग में किया जा सकता है, जिससे भारत के राष्ट्रीय ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों को समर्थन मिलेगा।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए टोयोटा किर्लाेस्कर मोटर की वाइस चेयरपर्सन सुश्री मानसी टाटा ने कहा, कि टोयोटा में कार्बन-तटस्थ भविष्य के लिए हमारी प्रतिबद्धता स्वच्छ गतिशीलता से आगे तक है। ग्रीन हाइड्रोजन इस दृष्टि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है – न केवल परिवहन के लिए बल्कि इसके उत्पादन, वितरण और विविध अंतिम-उपयोग अनुप्रयोगों के लिए भी। ओहमियम जैसी एक अभिनव पीईएम प्रौद्योगिकी कंपनी के साथ इस सहयोग के माध्यम से, हम न केवल हाइड्रोजन अनुप्रयोगों को आगे बढ़ा रहे हैं , बल्कि देश की श्मेक इन इंडियाश् पहल के लिए अपने समर्थन को भी मजबूत कर रहे हैं। स्थानीय रूप से प्रासंगिक हाइड्रोजन समाधानों का सह-विकास करके, हमारा लक्ष्य भारत के ऊर्जा परिवर्तन को सशक्त बनाना और हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र में सार्थक योगदान देना है।