- फाउंडेशन ने लोगों को नशा ना करने की दिलाई शपथ दिलाई
Aaj Samaj (आज समाज),Took An Oath Not To Take Drugs, पानीपत : फैला उजियारा फाउंडेशन के तत्वावधान में जिले भर में आयोजित किये गये नशा मुक्ति कार्यक्रमों की इस कड़ी में जिले के गांव बलाना में कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के समापन पर फाउंडेशन की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी रंजिता कौशिक ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया व लोगों को नशा ना करने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि नशे का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता हैं। आज शराब, सिगरेट, तंबाकू का सेवन आम बात हो गयी है। जिसके चुंगल में फंस कर आम व्यक्ति अपने जीवन को इस दिशा में ले जा रहा है जिसका अंत समय से पहले मौत है। परिवारों की बर्बादी नशे का प्रमुख कारण है। इसके प्रभाव में आकर परिवार के परिवार समय से पहले मौत का निवाला बन रहे हैं।
बहुत से परिवार शारीरिक रूप से अपंग बन रहे हैं
फाउंडेशन अध्यक्षा रंजिता कौशिक ने कहा कि यह स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं। हजारों परिवारों को ड्रग्स का सेवन अंदर से खोखला और बीमार बना रहा है। इसके लिए बड़ा अभियान चलाने की जरूरत है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग से ब्रेन सही प्रकार से कार्य नहीं करता। नशे के आदि होकर बहुत से परिवार शारीरिक रूप से अपंग बन रहे हैं। सतर्कता और जागरूकता से ही हम नशे से अपने आप को बचा सकते हैं। उन्होंने आम जन से नशा ना करने का आह्वान किया। फाउंडेशन अध्यक्षा रंजिता कौशिक ने नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशे के प्रचुर मात्रा में प्रयोग करने से सोचने समझने की शक्ति कमजोर होने लगती है। इसका असर सबसे ज्यादा दिमाग पर पड़ता हैं। आज स्थिति यह हैं कि किसी भी तरह के नशा करने वाला व्यक्ति दिमागी सुन्नपन और उच्च रक्तचाप का शिकार है।
नशा छोड़ने पर भोजन का सही स्वाद मिलता है
फाउंडेशन अध्यक्षा ने कहा नशा छोड़ने पर भोजन का सही स्वाद मिलता है और इसमें शामिल पौष्टिक तत्वों का सही पाचन और अवशोषण होता है। शरीर रक्त संचार सुव्यवस्थित रहता है। उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि कई बड़े लोग नशे की लत से जूझ रहे हैं। सिगरेट की लत वालों को लगता है कि उनका केवल फेफड़ा कमजोर हो रहा है या शराब पीने वालों को लगता है कि इस नशे का असर उनके लिवर पर हो रहा है, जबकि ऐसा नहीं है। आज नशे से संबंधित मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने आम जन से नशे से दूर रहने व अपने बच्चों की सही प्रकार से परवरिश करने का आह्वान किया।