Shani Sadesati: वर्ष 2027 तक इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या

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Shani Sadesati: वर्ष 2027 तक इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या
Shani Sadesati: वर्ष 2027 तक इन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या

जानिए परेशानियों से बचने के उपाय
Shani Sadesati, (आज समाज), नई दिल्ली: शनि की साढ़ेसाती 7.5 साल की अवधि है, जो तब लगती है जब शनि आपकी जन्म राशि से पहले, जन्म राशि में और बाद की राशि में गोचर करते हैं। इसके विपरीत, शनि ढैय्या ढाई साल की अवधि होती है, जो तब शुरू होती है जब शनि आपकी जन्म राशि से चौथे या आठवें भाव में गोचर करते हैं। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है और ये दोनों ही स्थितियां जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं, जिसमें मानसिक और शारीरिक कष्ट शामिल हो सकते हैं।

शनिदेव को दो राशियां का स्वामित्व प्राप्त है। शनि का मकर और कुंभ राशि पर आधिपत्य होता है। तुला राशि शनिदेव की उच्च की और मेष राशि इनकी नीच की राशि मानी जाती है। आपको बता दें कि शनि अभी गुरु की राशि मीन में संचरण कर रहे हैं, जो साल 2027 तक इसी राशि में रहेंगे। ऐसे में जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव है उन पर इसका असर देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं किन-किन राशियों पर रहेगा शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव।

इन राशियों पर रहेगा प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार इस वर्ष शनि के राशि परिवर्तन करने से मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण, मीन राशि पर दूसरा चरण और कुंभ राशि पर तीसरा चरण चल रहा है। शनि की साढ़ेसाती ढाई-ढाई साल पर साढ़े सात वर्षों तक चलती है। ऐसे में इन राशि वालों को आने वाले समय में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

इन परेशानियों का करना पड़ सकता है सामना

शनि के इस वर्ष मीन राशि में गोचर करने से धनु और सिंह राशि वालों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा। साल 2027 तक इन दोनों ही राशियों पर शनि की ढैय्य रहेगी। ऐसे में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सेहत में गिरावट आ सकती है और कोई पुराना रोग उभर कर सामने आ सकता है। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है और आर्थिक स्थिति में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

अशुभ प्रभावों को दूर करने के उपाय

  • शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा और उनको सरसों के तेल का दीपक अर्पित करने से कष्ट दूर होते हैं। साथ ही इस दिन चालीसा का भी पाठ अवश्य करना चाहिए।
  • शनिदेव की कृपा पाने के लिए और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए हर शनिवार को पीपल के पेड़ की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए और तेल का दीपक जलाएं।
  • शनिवार के दिन गरीबों और असहायों को कंपल, सरसों का तेल और उड़द दाल का दान करना चाहिए।
  • शनिवार के दिन शनिदेव से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे शनिदोषों से मुक्ति मिलेगी और कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
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