Supreme Court seeks response from Central Government in petition filed against agriculture law: कृषि कानून के खि लाफ दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

0
216

केंद्र सरकार ने कृषि से संबंधित तीन नए बिल दोनों सदनों से पास कराकर कानून का रूप दे दिया। इन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष की कई पार्टियां और किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इन तीन विवादित कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देनेवाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट मेंदायर की गई हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्टने इस संबंध मेंकेंद्र सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उसकी प्रतिक्रिया इस संबंध में मांगी है। केंद्र सरकार को चार हफ्तों के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से चार हफ्तों के अंदर नोटिस पर जवाब मांगा है। तीन कानून- कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम, 2020, कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई जिसके बाद 27 सितंबर से यह कानून प्रभावी हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा, केरल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद टीएन प्रतापन और तमिलनाडु से द्रमुक के राज्यसभा सदस्य तिरुची शिवा और राकेश वैष्णव की ओर सेयाािचका दायर की गई है। प्रधान न्यायाधीश एसएस बोबड़ेकी अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन भी शामिल हैं। याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि संसद द्वारा पारित कृषि कानून किसानों को कृषि उत्पादों का उचित मुल्य सुनिश्चित कराने के लिए बनाई गई कृषि उपज मंडी समिति व्यवस्था को खत्म कर देंगे।

SHARE