Hathras gangrape case – automatic cognizance of High Court, victim’s family said, funeral done without consent: हाथरस गैंगरेप मामला- हाईकोर्ट का स्वत: संज्ञान, पीड़िता के परिवार ने कहा, बिना सहमति के कराया गया अंतिम संस्कार

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हाथरस में दलित लड़की के साथ गैंगरेप और बर्बरता मामले में आज हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच मेंपीड़िता का रात में ही कथित तौर पर जबरन अंतिम संस्कार किए जानेकेमामले में सुनवाई हुई। निर्भया को इंसाफ दिलाने वाली वकील सीमा कुशवाहा ने पीड़ित परिवार की ओर से कोर्ट में प्रशासन पर आरोप लगाया कि पीड़िता का अंतिम संस्कार बिना सहमति केकिया गया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी। पीड़ित परिवार से पांच लोग सीओ और मजिस्ट्रेट की निगरानी में कोर्ट पहुंचे और उन्होंने अपना बयान दर्जकराया। पीड़ित परिवार को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई गई। पीड़िता का परिवार भारी सुरक्षा के बीच सोमवार को सुबह 11 बजे लखनऊ पहुंचा। एसडीएम अंजली गंगवार, सीओ शैलेन्द्र बाजपेयी, जनपद के डीएम प्रवीन लक्ष्यकार व एसपी भी पीड़ित परिवार के साथ लखनऊ पहुंचे हैं। छह गाड़ियों के काफिले के साथ पीड़ित परिवार के पांच सदस्य लखनऊ हाईकोर्ट पहुंचे। उक्त मामला ‘गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार’ टाइटिल के तहत न्यायमूर्ति पंकज मित्तल व न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया। बता दें कि हाथरस मामले का कोर्ट नेस्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने 1 अक्तूबर को इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था, जिलाधिकारी हाथरस और पुलिस अधीक्षक हाथरस को तलब किया था। इस मामले मेंकोर्ट ने पीड़िता के परिवार को भी कोर्ट मेंहाजिर होने को कहा था । न्यायालय ने अधिकारियों को मामले से सम्बंधित दस्तावेज इत्यादि लेकर उपस्थित होने का आदेश दिया था। साथ ही विवेचना की प्रगति भी बताने को कहा था।

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