Strict Action : रिश्वत लेते पकड़े जाने पर आईएएस और आईपीएस की सीधी गिरफ्तारी, अनुमति की जरूरत नहीं

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Strict Action : रिश्वत लेते पकड़े जाने पर आईएएस और आईपीएस की सीधी गिरफ्तारी, अनुमति की जरूरत नहीं
Strict Action : रिश्वत लेते पकड़े जाने पर आईएएस और आईपीएस की सीधी गिरफ्तारी, अनुमति की जरूरत नहीं

आज समाज डिजिटल, अंबाला:
प्रदेश में अब आम आदमी के साथ-साथ अधिकारियों पर भी कानून का शिकंजा कसने जा रहा है। प्रदेश में अब यदि कोई आईपीएस या आईएएस अधिकारी भी रिश्वत लेते पकड़ा गया तो उसकी सीधे गिरफ्तारी होगी। इसके लिए किसी भी मंजूरी की जरूरत नहीं होर्गी। भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है।

अनुमति लेने में लगता था लंबा समय

मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है। अभी तक भारतीय प्रशासनिक और पुलिस सेवा के अधिकारियों की गिरफ्तारी से पहले संबंधित विभागाध्यक्ष या मुख्य सचिव से अनुमति लेनी पड़ती थी। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था और किसी ने किसी तरीके से भ्रष्ट अधिकारी बच निकलते थे। अब सरकार ने नियमों में बदलाव कर भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकंजा और कड़ा कर दिया है। नए आदेश के तहत आईएएस, आईपीएस, एचसीएस और एचपीएस समेत कोई भी अधिकारी विजिलेंस के ट्रैप (जाल) में पकड़ा जाता है तो उसे तुंरत गिरफ्तार किया जा सकेगा।

ड्यूटी मजिस्ट्रेट के लिए अनुमति जरूरी

किसी भी अधिकारी और कर्मचारी पर घात लगाने के मामले में ड्यूटी मजिस्ट्रेट और छाया गवाह की आवश्यकता पहले की तरह जारी रहेगी। जिलाधीश लिखित नियुक्ति करेंगे। सरकार का कहना है कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट और छाया गवाह लगाना एक प्रतीकात्मक व्यवस्था है। यह किसी भी प्रकार की सक्षम अधिकारी की पूर्ण अनुमति नहीं है। इसके लिए 15 अक्तूबर 2018 के नियम लागू रहेंगे।

सीबीआई के चार अधिकारी नियुक्त

सतर्कता ब्यूरो को हरियाणा सरकार लगातार मजबूत कर रही है। इसी के तहत सरकार ने पिछले दिनों कई अहम फैसले लिए हैं। विजिलेंस ब्यूरो में सीबीआई के सेवानिवृत्त चार अधिकारियों को नियुक्त कर चुकी है। साथ ही मंडलायुक्त और डीआईजी विजिलेंस को एक करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर सकेंगे। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में मंडलायुक्त बोर्ड और निगमों अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए अधिकार दिए जा चुके हैं। उधर, विजिलेंस महानिदेशक सरकार से ब्यूरो के लिए 550 कर्मचारी मांग चुके हैं।

गिरफ्तार के लिए अनुमति की जरूरत नहीं: कौशल

इस संबंध में संजीव कौशल, मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार का कहना है कि ट्रैप के मामले में किसी भी स्तर के अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं होगी। अन्य मामलों में पूर्व अनुमति लेनी पड़ेगी। सरकार ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए पीसी एक्ट में धारा-17ए जोड़ दी है।

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