करनाल: सरकारी दफ्तरों में धूम्रपान करने वालों की अब खैर नहीं

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प्रवीण वालिया, करनाल:
सरकारी दफ्तरों में कार्यरत कर्मचारी धुम्रपान करेंगे तो खैर नहीं। इसके लिए स•ाी कार्यालय अध्यक्षों को जुमार्ना लगाने की पावर रहेगी, जो कम से कम 200 रुपए तक हो सकता है। महीने में प्रत्येक कार्यालय के लिए ऐसे कम से कम 100 चालान करने का लक्ष्य रहेगा। सोमवार को लघु सचिवालय के स•ाागार में नशामुक्त •ाारत अ•िायान को लेकर की गई एक मीटिंग में उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने इस बात की जानकारी दी। स•ाी दफ्तरों विशेषकर पब्लिक डीलिंग कार्यालयों में यह नियम पब्लिक पर •ाी लागू होगा।

शिक्षण संस्थाओं के 100 मीटर के दायरे में नहीं होगी मादक पदार्थों की बिक्री
मीटिंग में उपायुक्त ने युवाओं के नशे की गिरफ्त में आने पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि अब स•ाी स्कूल, कॉलेजों के 100 मीटर के दायरे के अंदर धारा-144 के तहत एक आदेश जारी कर मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी, जो •ाी इसका उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि मिडल, हाई और सीनियर सेकेण्डरी जैसे स•ाी स्कूलों में ड्रग कंट्रोल सेल बनाए जाएं, दो अध्यापकों को सेल के इंचार्ज बनाएं, जो विद्यार्थियों को नशे के खिलाफ जागरूक करने के साथ-साथ नशा करने वाले बच्चों पर नजर •ाी रखेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल व कॉलेजों के प्राचार्यों की एक संयुक्त मीटिंग बुलाई जाएगी। स्कूल और कॉलेज से एक-एक विद्यार्थी को कैप्टन बनाकर मोटीवेट करने का काम दिया जाएगा।

प्रतिबंधित दवाओं की नहीं होगी खुली बिक्री
उपायुक्त ने कहा कि केमिस्ट शॉप पर ऐसी दवाओं की बिक्री नहीं होगी, जो प्रतिबंधित की गई हैं, यानि जिनके सेवन से नशा हो जाता है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर, स्वास्थ्य वि•ााग के डॉक्टरों के सहयोग से दुकानों को चैक करेंगे। उन्होंने बताया कि नशे के खिलाफ जन-जन को जागरूक करने के लिए एन.सी.सी. व एन.एस.एस. के वॉलंटियर्स को लिया जाएगा। इनकी पहचान कर ट्रेनिंग देंगे और प्रचार-प्रसार करने के लिए स•ाी को सोशल सर्विस का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। वॉलंटियर अपने एरिया में ही लोगों को जागरूक करेंगे। उपायुक्त ने बताया कि नशा करने वालों के इलाज के लिए या नशे को बढ़ावा देने वाले समाज विरोधी तत्वों की सूचना के लिए समाज कल्याण या स्वास्थ्य वि•ााग की ओर से एक हैल्प लाइन नम्बर •ाी जारी किया जाएगा।

सर्वाधिक नशा ग्रस्त गांवों को सुधारने पर रहेगा ज्यादा फोकस
मीटिंग में जिला समाज कल्याण अधिकारी की ओर से पहचान किए गए 10 गांवो की सूची दी गई, जिनमें असंध ब्लॉक के जयसिंह पुरा व जलमाना, निसिंग के डाचर व निसिंग, करनाल शहर के राम नगर, घरौंडा के कैमला व गगसीना, इन्द्री के चंद्राव व डेरा हलवाना तथा नीलोखेड़ी के समानाबहू व बैरसाल शामिल थे। उपायुक्त ने कहा कि इन गांवो में विशेष शिविर लगाकर नशे से जुड़े युवाओं की काउंसलिंग के साथ-साथ उनका नशा मुक्ति केन्द्रों में इलाज •ाी करवाया जाएगा।

जिला को बनाएंगे ड्रग फ्री
उपायुक्त ने बताया कि 15 अगस्त 2020 से शुरू हुए इस अ•िायान में देश के 272 जिलों को शामिल किया गया था, जो एक वर्ष के लिए था। कोविड के चलते इसमें ज्यादा सक्रियता नहीं रही, इसे देखते अ•िायान की अवधि वर्ष 2022 तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि इनमें से 100 जिले ऐसे हैं, जहां नशे के खिलाफ अच्छा काम किया जा रहा है। इनमें करनाल का •ाी नाम है। प्रदेश से 10 जिले इसमें शामिल हैं, जिनमें करनाल अग्रणी है। उन्होंने कहा कि अब इस जिला को खुले में शौच की तरह ड्रग फ्री बनाएंगे।

इन जगहों पर हैं नशा मुक्ति केन्द्र
बैठक में प्रधान चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सिविल अस्पताल के अतिरिक्त अमृत धारा, गोल्डन फ्यूचर असंध तथा दरड़ में नशा मुक्ति केन्द्र चल रहे हैं। इनमें 10 तक बैड उपलब्ध हैं। इस पर उपायुक्त ने इन अस्पतालों से बैठक में आए प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि उपचाराधीन व्यक्तियों को अच्छी से अच्छी सुविधाएं दी जाएं। स•ाी का परोपर रिकॉर्ड हो। अब ऐसे व्यक्तियों के ईलाज के लिए •ाी प्रशासन चार्जिज फिक्स करेगा।

नशा तस्करी की आमदनी से सम्पत्ति बनाने वालों की होगी धरपकपकड़
मीटिंग में मौजूद जिला पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो नशे के कारोबार से अच्छी-खासी सम्पत्ति बना लेते हैं, उनकी सूचना पुलिस को दें। एन.डी.पी.सी. (नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट 1985 के तहत ऐसी प्रॉपर्टी जब्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस पर पुलिस कड़ी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिन अस्पतालों में नशा मुक्ति केन्द्र चल रहे हैं, उनमें ईलाजरत व्यक्तियों से यह जानकारी ली जाए कि उन्हें कौन नशे की सप्लाई करता है। ऐसे व्यक्तियों की सूचना मिलने पर •ाी पुलिस कार्रवाई करेगी। मीटिंग में उपायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों से सुझाव •ाी मांगे। अधिकारियों में एसडीएम करनाल आयुष सिन्हा, एसडीएम असंध व नशा मुक्त •ाारत अ•िायान के नोडल मनदीप सिंह, एसडीएम इन्द्री सुमित सिहाग, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया, डीईओ राजपाल चौधरी, पी.ओ. आई.सी.डी.एस. राजबाला, जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं अ•िायान के सदस्य सचिव सत्यवान ढिलौड़, सिविल अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. मनन गुप्ता, अपर्णा ट्रस्ट से आउटरिच कार्यक्रम के अध्यक्ष ईश •ाट्टनागर तथा आर.टी.ए. कार्याल के निरीक्षक जोगिन्द्र ढुल •ाी मौजूद रहे।

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