Siraj’s claim for Southampton Test stronger than Ishant’s: साउथैम्प्टन टेस्ट के लिए सीराज का दावा ईशांत से ज़्यादा मज़बूत

0
355

इस समय दुनिया भर की नज़रें साउथैम्प्टन में होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल पर टिकी हैं और टीम मैनेजमेंट की नज़रें आदर्श प्लेइंग इलेवन चुनने पर टिकी हैं। यह काम इतना आसान नहीं है क्योंकि इसमें काफी पेचीदगियां हैं। इस बारे में कई मुश्किल फैसले लेने पड़ सकते हैं।

पहला मुश्किल फैसला तो शुभमान गिल और मयंक अग्रवाल में से किसी एक का चयन होना है। दोनों प्रतिभाशाली हैं। टीम मैनेजमेंट ने शुभमान गिल पर इनवेस्ट किया है लेकिन मैं मंयक अग्रवाल के साथ जाउंगा। इस खिलाड़ी के पास अनुभव है जो उसके बहुत काम आ सकता है। रोहित शर्मा, पुजारा, विराट, रहाणे, ऋषभ पंत और रविचंद्रन अश्विन को लेकर कोई संदेह नहीं है। हनुमा विहारी और रवींद्र जडेजा में से एक को खिलाने का फैसला भी टीम मैनजमेंट के लिए आसान नहीं होगा। दोनों अच्छे बल्लेबाज़ हैं। जडेजा को उनकी बल्लेबाज़ी के लिए ही टीम में रखा जाएगा, वहीं हनुमा विहारी ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे में अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से खुद को साबित किया है और वह कुछेक ओवर गेंदबाज़ी भी कर सकते हैं। उनके खिलाफ बात यही जाती है कि वह भी ऑफ स्पिन बॉलिंग करते हैं। वहीं जडेजा का लेफ्ट आर्म होना उनके पक्ष में जाता है। तेज़ गेंदबाज़ों में टीम इंडिया तीन गेंदबाज़ों के साथ उतरेगी। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी हमारे फ्रंटलाइन सीमर हैं। इनको लेकर कोई संदेह नहीं है। तीसरे तेज़ गेंदबाज़ को लेकर माथापच्ची करनी पड़ सकती है जहां ईशांत शर्मा और मोहम्मद सीराज में से एक को खिलाया जा सकता है। मेरे ख्याल से सीराज इंग्लैंड की कंडीशंस को देखते हुए बेहतर चॉयस हैं। उनके पास स्विंग है जो इंग्लैंड में कारगर साबित हो सकती है। वैसे अगर टीम के पास एक बाएं हाथ का तेज़ गेंदबाज़ होता तो बेहतर होता लेकिन टी नटराजन फिट नहीं हैं। सीराज के पास विविधता है जबकि ईशांत एक सिंगल डायमेंशनल गेंदबाज़ हैं।

वैसे यह सब निर्भर करेगा खिलाड़ियों की मौजूदा फॉर्म पर। इंग्लैंड में प्रैक्टिस मैचों से भी स्थिति काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगी लेकिन इतना तय है कि इस बार टीम मैनेजमेंट को कुछ कड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं।

बाकी बीसीसीआई ने श्रीलंका दौरे पर व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए अलग टीम भेजने का फैसला किया है। हमारे पास वास्तव में खिलाड़ियों का एक बड़ा पूल तैयार है। वैसे भी दुनिया भर में क्रिकेट हो नहीं रहा है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमें ऐसे प्रयोग कर चुकी हैं। अब टीम इंडिया भी ऐसे प्रयोग करने जा रही है जो क्रिकेट के लिए अच्छा है, क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी अच्छा है। उन्हें काफी समय से बहुत ज़्यादा क्रिकेट देखने को नहीं मिल है।

अतुल वासन

(लेखक टीम इंडिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ और इस समय क्रिकेट समीक्षक हैं)