सत्तर अस्सी के दशक में तेज गेंदबाज़ों की फ़ैक्ट्री वेस्टइंडीज़ और आस्ट्रेलिया में देखने को मिलती थी .. नब्बे के दशक में ये फ़ैक्ट्री शिफ़्ट हुई पाकिस्तान जहां से निकले एक से बढ़कर एक रफ़्तार के सौदागर और पिछले कुछ सालो में ये फ़ैक्ट्री हिंदुस्तान शिफ़्ट हो चुकी है जहां इन दिनों
तेज गेंदबाजों की कमी का रोना रोने वाले भारतीय क्रिकेट की तस्वीर अलग है। जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, उमेश यादव जैसे गेंदबाजों के बाद अगली फौज भी तैयार है। अब ये भारतीय गेंदबाज विदेशी दौरे पर विरोधी टीम के बीस विकेट लेते हैं। विरोधी टीम के बल्लेबाजों को अपनी बाउंसर्स से डराते हैं। उनकी आंखों में आंखे डालकर बात करते हैं। याद कीजिए हालिया ऑस्ट्रेलिया दौरे में बड़े तेज गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में भी टीम इंडिया ने सीरीज जीत कर इतिहास रचा था। इन दिनों भी कुछ भारतीय तेज गेंदबाज लगातार चर्चा में हैं। इन सभी गेंदबाजों की अपनी अपनी खासियत है। हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग में भी इन गेंदबाजों को लेकर चर्चा थी। तेज गेंदबाजी के बड़े नाम तो इंग्लैंड में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप खेलने जाएंगे। ऐसे में इन गेंदबाजों में से कुछ को श्रीलंका में प्रस्तावित लिमिटेड ओवर की सीरीज में जरूर मौका मिलेगा। ये गेंदबाज हैं आवेश खान, चेतन सकारिया, दीपक चाहर, अरजान नागवासवाला और प्रसिद्ध कृष्णा। कुल मिलाकर तेज गेंदबाजों की टोली को लेकर अब विराट कोहली को किसी की चिंता नहीं है। वो जानते हैं कि जिसे भी मौका मिला वो कामयाबी की भूख के साथ मैदान में उतरेगा। सौ फीसदी से ज्यादा देगा। आपको इन गेंदबाजों की खासियत बताते हैं।
स्पीड और स्किल का कॉकटेल
पहले उन गेंदबाजों की बात करते हैं जिनके बारे में क्रिकेट फैंस कम जानते हैं। आवेश खान, अरजान नागवासवाला और चेतन सकारिया । आवेश खान लगभग 140 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं। उनका गेंदबाजी ऐक्शन ध्यान देने लायक है। वो ओपन चेस्ट ऐक्शन वाले गेंदबाज हैं। ऐसे गेंदबाजों की गेंद स्वाभाविक तौर पर टप्पा खाने के बाद अंदर आती है। ऐसे गेंदबाजों की बाउंसर इसलिए भी खतरनाक होती है क्योंकि उसका निशाना बल्लेबाज के शरीर की तरफ होता है। आवेश खान की गेंदबाजी देखकर वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की याद आती है। अरजान नागवासवाला तो विजय हजारे ट्रॉफी में कमाल दिखा ही चुके हैं। गुजरात के लिए खेलते हुए उन्होंने 7 मैच में 19 विकेट लिए थे। सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में वो दूसरी पायदान पर थे। चेतन सकारिया भी शानदार गेंदबाज हैं। हाल ही में कोरोना की वजह से उन्होंने अपने पिता को खो दिया। लेकिन उनकी गेंदबाजी की चर्चा इस वक्त काफी है। चेतन सकारिया बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। चेतन सकारिया की बड़ी खासियत है कि वो ओवर द विकेट गेंदबाजी करके गेंद को अंदर लाते हैं। उनकी स्लोवर गेंद भी घातक है। इसके अलावा वो कटर-बाउंसर जैसी गेंदों का मिश्रण करते हैं। तमाम वेरिएशन करते हैं। निश्चित तौर पर फिटनेस ने साथ दिया तो वो लंबी रेस का घोड़ा होंगे। क्योंकि बाएं हाथ के एक अदद तेज गेंदबाज की खोज विराट कोहली को काफी समय से है।
कई गेंदबाज़ तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके हैं
तेज गेंदबाजों की नई पौध में दीपक चाहर तो पहले ही भारत के लिए 3 वनडे और 13 टी-20 मैच खेल चुके हैं। दीपक चाहर की ताकत उनकी स्विंग है। वो गेंद को आगे ‘पिच’ कराने से नहीं डरते जिससे गेंद को स्विंग करने के लिए पूरा समय मिलता है। दीपक चाहर की रफ्तार भले ही 130 किलोमीटर के आस पास ही रहती है लेकिन वो आउटस्विंग से बल्लेबाजों को परेशान करते हैं। अभी आईपीएल में ही उन्होंने दो मैच में चार-चार विकेट लिए थे। प्रसिद्ध कृष्णा भी टीम इंडिया के लिए तीन वनडे मैच खेल चुके हैं। उनके खाते में भी तीन वनडे मैच में 6 विकेट है। प्रसिद्ध कृष्णा को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के लिए चुनी गई टीम में रिसर्व गेंदबाज के तौर पर रखा गया था। लेकिन हाल ही में उन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया है। ऐसे में उनके इंग्लैंड जाने की स्थिति अभी साफ नहीं है। हालांकि भारतीय टीम के इंग्लैंड रवाना होने में अभी करीब तीन हफ्ते का वक्त बाकी है।