Sikkim Flood Updates: शाको चू लेक भी टूटने की कगार पर, इमरजेंसी अलर्ट जारी

0
157
Sikkim Flood Updates
तीन अक्टूबर को आई बाढ़ के बाद नार्थ सिक्किम के जिले में एक रिहायशी इलाके का मंजर।

Aaj Samaj (आज समाज), Sikkim Flood Updates, गंगटोक: पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम की लाचेन वैली में स्थित एक और झील टूटने की कगार पर है और प्रशासन ने इसको लेकर इमरजेंसी अलर्ट जारी किया है। शाको चू लेक गंभीर हालत में है और संबंधित इलाकों से लोगों को हटाना भी शुरू कर दिया गया है। तीन अक्टूबर को बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में आई बाढ़ के कारण चार जिलों- मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

  • बाढ़ से कई घर बहे, हजारों लोग प्रभावित
  • द्जोंगू में बड़े पैमाने पर जमाखोरी की रिपोर्टें

अमित शाह ने 44.80 करोड़ जारी करने की मंजूरी दी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिक्किम को 2023-24 के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि के केंद्रीय हिस्से से 44.80 करोड़ रुपए की दो किस्तें जारी करने की मंजूरी दे दी है। जब बादल फटा तो झील इतना पानी रोक नहीं पाई। इससे तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई। नदी से लगे इलाके में ही सेना का कैंप था। इसके बाढ़ में बहने के साथ कैंप में खड़ी 41 गाड़ियां डूब गईं।

घटिया निर्माण गुणवत्ता के कारण भयानक बाढ़ देखनी पड़ी : मुख्यमंत्री

मात्र 10 सेकंड में, 13,000 करोड़ रुपए के तीस्ता-3 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का 60 मीटर ऊंचा बांध ल्होनक झील से आई बाढ़ से पूरी तरह बह गया। वहीं, दिखचू, सिंगतम और रांगपो शहर पानी में डूब गए हैं। बाढ़ में सिक्किम को देश से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे एनएच-10 भी बह गया है। राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग का कहना है कि चुंग्थांग बांध, तीस्ता ऊर्जा चरण 3 की घटिया निर्माण गुणवत्ता के कारण भयानक बाढ़ देखनी पड़ी है और जांच के लिए समिति गठित होगी।

मृतक संख्या 26, 140 से ज्यादा लापता

रिपोर्ट्स के अनुसार बाढ़ के कारण 25,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। करीब 2400 लोगों को बचाया गया है और लगभग 7000 लोग अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं। 1200 घर बाढ़ में बह गए हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए पूरे राज्य में राहत कैंप बनाए गए हैं हजारों लोगों को इन कैंपों में ठहराया गया है। रेस्क्यू आॅपरेशन लगातार जारी है और आपदा में जान गंवाने वालों की संख्या शुक्रवार देर रात तक बढ़कर 26 हो गई है। सेना के 15 जवानों समेत 140 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं।

लोगों के पास खाने-पीने व रहने को नहीं घर

आम लोगों के लिए खाने-पीने और दैनिक जरूरतों की दूसरी तमाम चीजों का संकट खड़ा हो गया है। प्रकाश लेप्चा नाम के एक स्थानीय युवक ने कहा, हमारे पास खाने-पीने और रहने के लिए कुछ नहीं बचा है। इधर-उधर भटककर रात बिता रहे हैं। यहां पर फंसे लोग ही एक-दूसरे की हर संभव मदद कर रहे हैं। लीसा नामक महिला के मुताबिक हम घर नहीं जा पा रहे। मकान पानी में डूब गया है। इन्वर्टर, अनाज सब कुछ बर्बाद हो गया है। उत्तर सिक्किम के द्जोंगू में जरूरी चीजों की बड़े पैमाने पर जमाखोरी हो रही है।

यह भी पढ़ें :

Connect With Us: Twitter Facebook

SHARE