भाजपा की ओर से रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांन्फ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में मैनडेट भाजपा-शिवसेना को था। जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी। भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बहुत ही अच्छा शासन चलाया, और भष्टाचार मुक्त रहा उनका शासन। शिवसेना को जिताने में भी भाजपा का सहयोग रहा। यह देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में भाजपा गठबंधन की नैतिक जीत भी थी। शिवसेना किसके इशारे पर इतना उत्तेजक हो गई। शरद पवार ने कहा था कि उन्हें विपक्ष में बैठने का मैंनडेट था। यकायक यह मैचफिक्सींग कैसे हो गया। कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की हत्या कर दी गई। जब शिवसेना अपने स्वार्थ के लिए तीस साल की दोस्ती तोड़ दे और अपने धुर विरोधी एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की युक्ति करे तो लोकतंत्र की हत्या नहंी है। नई सरकार स्थायी होगी और स्थिर होगी। यह चोर दरवाजे से देश की आर्थिक राज्य पर कब्जा करने की राजनीति थी। जो आदरणीय बाला साहेब ठाकरे के आर्दशों को जीवित नहीं रख सके उनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। कुछ लोग शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं सत्ता के लिए अपने आर्दशों से समझौता करने वालों के बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। तीनों पार्टियों से पूछना चाहता हूं कि क्या उनका एक भी पत्र समर्थन का राज्यपाल के पास था। एक बात अवश्य है कि महाराष्ट्र की एक-एक जनता सब यही कह रहे थे कि हमने आपको बहुमत दिया है आप सरकार क्यों नहीं बना रहे हैं।
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