जाली दस्तावेजों पर पुलिस अफसर की नौकरी पाने वाले संजय सहरावत निलंबित

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Sanjay Sehrawat, who got the job of a police officer on forged documents, suspended
आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:
जाली दस्तावेजों के आधार पर यूपीएससी की परीक्षा पास कर दानिप्स (दिल्ली अंडमान निकोबार द्वीप समूह) अधिकारी बने संजय कुमार सहरावत के खिलाफ सीबीआइ द्वारा आरोप पत्र दायर कर देने पर दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने उन्हें फिलहाल नौकरी से निलंबित कर दिया है। वह 2009 बैच के अधिकारी हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती दिल्ली पुलिस की दूसरी बटालियन में बतौर डीसीपी के पद पर थी। पुलिस अफसर की नौकरी पाने के लिए उन्होंने उक्त फर्जीवाड़ा किया था। दानिप्स अफसर बनने से पहले वह श्रम मंत्रालय में क्लर्क थे। पूर्व पुलिस आयुक्त आलोक वर्मा व अमूल्य पटनायक के कार्यकाल में वह पूर्वी जिला व क्राइम ब्रांच आदि कई जगहों पर एसीपी व एडिशनल डीसीपी पद पर रहे। सीबीआइ द्वारा आरोप पत्र दायर करने की जानकारी गत दिनों दिल्ली पुलिस मुख्यालय को दी गई।

9 जून को दिल्ली के मुख्य सचिव ने सहरावत को किया निलंबित

जिसके बाद पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने संजय सहरावत के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार के गृह विभाग को कार्रवाई करने के लिए फाइल भेज दी थी। जिसके बाद बीते 9 जून को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने तत्काल प्रभाव से सहरावत को निलंबित कर दिया। बहादुरगढ़, हरियाणा निवासी महाबीर सिंह ने सीबीआइ से शिकायत कर आरोप लगाया था कि उन्होंने किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित शैक्षणिक योग्यता व जन्मतिथि दस्तावेजों का इस्तेमाल यूपीएससी परीक्षा में बैठने के लिए लगाया था। उस व्यक्ति का नाम भी समान है लेकिन जन्मतिथि व शैक्षणिक योग्यता अलग है। जिसके आधार पर सहरावत यूपीएससी की परीक्षा में बैठने के पात्र हो गए थे। महाबीर सिंह ने 14 मार्च 2018 को सहरावत के खिलाफ सीबीआइ में शिकायत की थी। जांच पड़ताल के बाद सीबीआइ ने सात सितंबर 2020 को उक्त मामले में जालसाजी व धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। संजय सहरावत 15 जुलाई 1998 को श्रम मंत्रालय में क्लर्क भर्ती हुए थे।

जन्मतिथि के आधार पर यूपीएससी की परीक्षा में बैठने की उम्र सीमा पार कर चुका था आरोपी

वहां उनकी जन्मतिथि 8 जुलाई 1977 दर्ज है। चार अक्टूबर 2007 को उन्होंने नौकरी छोड़ दी। 6 जून 2009 को संजय का पुलिस में दानिप्स सेवा में चयन हो गया था। दरअसल संजय सहरावत अपनी असली जन्मतिथि के आधार पर यूपीएससी की परीक्षा में बैठने की उम्र सीमा पार कर चुका था। इसलिए उन्होंने परीक्षा में शामिल होने के लिए एक दिसंबर 1981 की गलत जन्म तिथि से आवेदन किया था। गलत जन्म तिथि के आधार पर यूपीएससी से आयु सीमा में छूट हासिल कर वह परीक्षा में शामिल हो गए थे। संजय सहरावत ने यूपीएससी परीक्षा देने के लिए जो जन्म तिथि और शिक्षा का प्रमाण पत्र इस्तेमाल किया वह दिल्ली में दशहरा इलाके स्थित डीडीए फ्लैट निवासी संजय कुमार का है। उस संजय के पिता का नाम भी ओम प्रकाश है। वह सुनार समुदाय का है जबकि संजय सहरावत सिंघु गांव का है।

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