‘SAAMNA SAWALO KA’ by Ajay Shukla, Editor-in-Chief of ITV Network Multimedia with Digvijay Chautala : मेरे पिता ने हरियाणा के नौजवानों को नौकरी देने के लिए कुर्बानी दी-दिग्विजय चौटाला

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अंबाला। मैं मानता हूं कि चौधरी देवीलाल के दिखाए रास्ते और विचारधारा पर अपना कदम आगे बढ़ाया है। हम बेरोजगार हरियाणवीं युवाओं को नौकरियों में उनका हक दिलाना चाहते हैं। मेरे दस वर्ष की राजनीति में मैं मानता हूं कि मैंने जो कदम आगे बढ़ाया वह सही दिशा में रहा है। दुष्यंत की बढ़ती हुई लोकप्रियता को रोकने के लिए तमाम कोशिशें की गईं। लेकिन पिछले वर्ष दिसंबर में जो नजारा था, लाखों लोग दुष्यंत को अपना आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे थे। मेरे पिता ने हरियाणा के नौजवानों को नौकरी देने के लिए जो कुर्बानी दी वह सदैव याद रहेगी। हम क्वालिटी एजुकेशन पर गौर करेंगे। यह बातें चौधरी देवीलाल की चौथी पीढ़ी और इनसो के राष्टÑीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला इंडिया न्यूज हरियाणा पर सामना सवालों का में आईटीवी के प्रधान संपादक (मल्टी मीडिया) अजय शुक्ल के सवाल का जवाब दे रहे थे। प्रस्तुत है सवाल और जवाब के मुख्य अंश।…

सवाल: आप राजनीति में आए हैं, राजनीति आपके जन्म से ही साथ है, क्योंकि चौधरी देवीलाल की चौथी पीढ़ी राजनीति में है। चौधरी देवीलाल जी की उन जिम्मेदारियों को जो हरियाणा के लिए दे गए थे, उनको पूरा करने की दिशा में आप क्या रहे हैं।
जवाब: मुझे यह बताते हुए खुशी होती है कि जननेता चौधरी देवीलाल का देश में किसान और मजदूर नेता के रूप में एक सम्मान है। जननायक जनता पार्टी की फाउंडेशन के बाद मैं मानता हूं कि उनके (चौधरी देवीलाल जी) दिखाए हुए रास्ते और विचारधारा पर अपना कदम आगे बढ़ाया है। जो दुष्यंत आज कह रहे हैं कि हम बेरोजगार हरियाणवी युवाओं को नौकरियों में उनका हक देना चाहता हूं।

सवाल: आप देवीलाल की चौथी पीढ़ी हैं, उन्होंने (देवीलाल ने) तमाम सिद्धांतों और हरियाणा बनाने को लेकर संघर्ष किया। आप गोल्डन स्पून लेकर पैदा हुए। तो क्या आप जनता के उस दर्द को महसूस करते हैं उस तरह से खड़े होने की कोशिश करते हैं।
जवाब: यह शायद दूसरे दृष्टिकोण से कहा जा सकता है। इससे बड़ी सौभाग्य की बात और क्या होगी कि हमने चौधरी देवीलाल जैसे महापुरुष के घर में जन्म लिया है, लेकिन यह कहना गलत होगा कि हमने उसका गलत इस्तेमाल किया। मेरे जीवन में मैं उन सभी मूल्यों और सभ्यता को आत्मसार करना है। यह मेरे कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। मेरे दस वर्ष की राजनीति में मैं मानता हूं कि मैंने जो कदम आगे बढ़ाया, वह सही दिशा में रहा है।

सवाल: आपके पिता-दादा जी जेल में हैं, उन पर आरोप है कि उन्होंने एक ऐसा काम किया जो कहा जाता है कि हरियाणा में बड़ा दाग है,उन्होंने नौकारियों में गड़बड़ी कराई। आप इसको कैसे देखते हैं।
जवाब: शायद मैं देश का वह सौभाग्यशाली पुत्र हूं जो आज भी बड़े गर्व से कहता है कि मेरे पिता ने कुछ गलत नहीं किया। मेरे पिता को राजनीतिक द्वेश भावना की भेंट चढ़ाया गया है। उन्होंने किसी के घर में चूल्हा जलाया, तीन हजार छह सौ नौकारियां दीं, जज को भी निर्णय लिखते हुए कहना पड़ा कि आपके क्षेत्र में ज्यादा नौकारियां लगीं। हरियाणा का इतिहास और रिकॉर्ड बताता है कि भिवानी जिले के लोगों को सदैव ज्यादा नौकारियां मिलीं क्योंकि यहां लैंड होल्डिंग कम है। लैंड होल्डिंग कम होने की वजह से लोगों ने ज्यादा पढ़ाई की और नौकारियां प्राप्त की। मेरे पिता के कार्यकाल में पहले से अधिक भिवानी के लोगों को नौकरियां मिलीं। शायद यही टीस इन लोगों के मन में थी। इसमें न तो कोई पैसे लेने-देने का आरोप है और न ही कहीं यह आरोप लगा कि हमने अपने परिवार के जन को नौकरी पर लगाया।

सवाल: इसका मतलब भ्रष्टाचार का आरोप गलत है।
जवाब: मैं तो यही जानना चाहता हूं। यह जो साढ़े 8-9 साल हुए हैं, इसमें मेरे पिता को किस बात की सजा मिली, न तो अदालत हमें यह समझा सकी और न ही कोई शिकायतकर्ता हमें समझा सका। मैं बड़े फक्र के साथ कहता हूं कि मेरे पिता ने जो कुबार्नी दी, वह हरियाणा के नौजवानों को नौकरी देने के लिए दी, इसके लिए कोई चिंता की बात नहीं है।

सवाल: आप इनसो और युवाओं का नेतृत्व करते हैं, इंडियन नेशनल लोकदल की जो छात्र शाखा है। आप युवाओं का नेतृत्व करते हैं तो उनमें समानता और योग्यता के आधार पर नौकरी मिलने की बात को कहां तक सही मानते हैं।
जवाब: हमने कब असमानता के हिसाब से नौकरी देने की बात कही। हमने तो यह कहा कि ज्यादा नौकारियां दीं। वेंडेड आॅफ पॉलिटिक्स कांग्रेस ने की। उन्हें (कांग्रेस को) इस बात का एहसास था कि अगर यह लोग दोबारा सत्ता में आ जाएंगे तो निश्चित तौर पर राबर्ड वाड्रा के लैंड स्कैम की जो आज चर्चा हो रही है वह सब बाहर आ जाएंगे, उन्होंने (कांग्रेस) ने यह सोचा कि यह सत्ता में आए, उससे पहले इन पर नकेल कस दी जाए।

सवाल: चौटाला परिवार हरियाणा में राजनीति की रीढ़ हुआ करता था, आज स्थिति यह है कि इंडियन नेशनल लोकदल एक प्रतिशत और जजपा छह प्रतिशत पर सिमट गई है तो कुल मिलाकर सात प्रतिशत पर पूरा परिवार आकर सिमट गया, जो 24 प्रतिशत हुआ करता था।
जवाब: मैं अपनी राजनीतिक पार्टी की तो बात कर सकता हूं। हमने 9 दिसबंर को राजनीतिक पार्टी बनाई थी। लोकदल के इतिहास में 1987 में भी उतना वोट नहीं आया, जितना जींद के लोगों ने मुझे दिया। यह तो राजनीतिक विजन का खेल है। गणित के इस खेल में कांग्रेस को जो अंक हम सोच रहे थे वह नहीं मिल पाया। हम सोच रहे थे कि रणदीप सुरजेवाला बड़े नेता हैं और 30-32 हजार तक पहुंच जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वह 20 हजार वोट पर ही सिमट गए। मुझे मेरा पूरा मत मिला, मुझे जीतने का पूरा अवसर मिला। सभी ने मुझे मात देने के लिए हाथ मिला लिया था।

सवाल: मतलब आपको हराने के लिए सभी एक हो गए।
जवाब: दुष्यंत की बढ़ती हुई लोकप्रियता को रोकने के लिए। पिछले वर्ष दिसंबर में जो नजारा था, लाखों लोग दुष्यंत को अपना आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे थे। पिछले चुनाव में मैं मानता हूं कि हमें कम वोट मिले, मगर उसका सबसे बड़ा कारण है कि राष्टÑव्यापी स्तर पर जो हालात बने, वह सामने हैं। मीडिया ने मोदी बनाम राहुल का चुनाव बना दिया। वैसे राहुल गांधी को लोक पप्पू गलत नहीं कहते। लोग तो यही कहते हैं कि मोदी को तो हटाना चाहते हैं, पर सामने इस परिपेक्ष्य में कोई है ही नहीं। इससे अच्छा मोदी को जिता दो। हमारे लोग चुनाव के दौरान कहा करते थे कि यह वोट मोदी को और विधानसभा का वोट दुष्यंत को।

सवाल: आप कह रहे हैं कि विधानसभा का वोट दुष्यंत को। आपने राजनीति में करियर की शुरूआत करने के बाद एक चुनाव लोकसभा और दूसरा विधानसभा का लड़ा। शुरूआती दौर का दोनों चुनाव आप हारे।
जवाब: मैं तो यह समझता हूं कि मुझे जो वोट और प्यार लोगों ने दिया, लोकसभा के चुनाव में 50 हजार वोट देकर अपना आशीर्वाद दिय, यह तो अभी शुरूआत है। चौधरी देवीलाल कहते थे कि पराजय और जीत जीवन का हिस्सा है।

सवाल: जजपा दो युवाओं की पार्टी है। एक दुष्यंत चौटाला और दूसरा दिग्विजय चौटाला। पहले चुनाव में आपका वोट छह प्रतिशत आया, इन स्थितियों में हरियाणा में युवाओं के लिए क्या सोचा है।
जवाब: हरियाणा में युवा की सबसे बड़ी चिंता है कि बुनियादी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो रही है। आज हम कुछ भी कहें, स्कूल रोजाना बंद हो रहे हैं। कॉलेज में इतनी मारामारी है कि सीट नहीं मिलती। हमारे यहां संध्याकालीन कक्षाओं की कोई सुविधा नहीं है। क्या सरकार विश्वविद्यालय में सुधार नहीं कर सकती थी। चौधरी बंसीलाल के नाम पर बने विश्वविद्यालय में सुविधाओं का अभाव है। क्वांटिटी एजुकेशन है, क्वालिटी एजुकेशन नहीं है। हम क्वालिटी एजुकेशन पर गौर करेंगे, हम विदेशों में पढ़े हैं, रोजगार जिस समय आपका आखिरी पाठ्यक्रम हो, आपके हाथ में होना चाहिए। मीडिया का सर्वे कहता है कि सिर्फ 8 प्रतिशत गुरुग्राम, सोनीपत, फरीदाबाद में हरियाणवी हंै। हरियाणा को हम मिलेनियम सिटी तो हम मानते हैं लेकिन है कुछ नहीं। हम बाहर के लोगों के विरोधी नहीं हंै। उनका भी सम्मान करते हैं जो बिहार व यूपी से आकर हमारे यहां नौकरी करते हैं। मगर प्राथमिकता हरियाणा को मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 75 प्रतिशत आरक्षण हरियाणा के लोगों को मिलना चाहिए। भाजपा वाले कहते हैं कि यह कैसे करोगे। हम हरियाणा के 17 लाख लोग को रोजगार देने का काम करेंगे। जब हम गाय और गीता के साथ सरस्वती नदी से ऊपर उठकर सोचना शुरू करेंगे तभी हम हरियाणा के लोगों को रोजगार मुहैया करा सकते हैं। भाजपा बहुत बड़ी गलती कर रही है, वह लोगों का विश्वास खो रही है।

सवाल: मोदी सरकार ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने का काम किया है। चूंकि कश्मीरी युवा हरियाणा के कॉलेज में पढ़ रहें हैं, इन सबको देखते हुए क्या आपको लगता है यह अच्छा निर्णय लिया गया है।
जवाब: देश के अंदर अनुच्छेद-370 और 35 ए हटाने को लेकर मांग कर रहे थे। दुष्यंत चौटाला ने संसद में आॅन रिकॉर्ड यह कई बार कहा कि जिस मुद्दे पर आप चुनकर आए हो, पांच साल तो निकाल दिए। अगर उन्होंने (भाजपा) देश की एकता को लेकर जो फैसला किया है तो हम सभी उसका स्वागत करते हैं।

सवाल: धनखड़ का कहना है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद हरित क्रांति को आगे कोई लेकर आया तो वह मोदी सरकार में हुआ है।
जवाब: धनखड़ तो कहते हैं कि मेरा मन घुंघरू बांधकर नाचने का करता है। तो मैं मानता हूं कि इस अक्टूबर के बाद वह (धनखड़) घूंघरू बांधकर नाचने का काम कर सकेंगे। अब वह जो हरियाणा के कृषि मंत्री के रूप में व्यस्त हैं उन्हें जनता दोबारा ऐसी जिम्मेदारी नहीं देगी। उन्होंने (धनखड़ ने) तो यहां तक कह दिया कि मैं चौधरी देवीलाल, चरण सिंह से बड़ा किसान नेता हूं, इस आजाद भारत के किसी भी बड़े किसान नेता से वह बड़े हैं। ऐसा वह मंच पर कहते हैं।

सवाल: आप पर यह भी आरोप है कि आपने परिवार तोड़ने का काम किया है। वह परिवार जो चौटाला का परिवार कहलाता था। आपने उनकी सभा में हुड़दंग मचवाया, बवाल करवाया है।
जवाब : आरोप और वस्तविकता में बहुत अंतर होता है। मैं आज तक यह नहीं जान पाया कि मैंने परिवार कैसे तोड़ा। मैंने तो उस पार्टी को कभी छोड़ा ही नहीं था, मुझे उस पार्टी से निकाल दिया गया। मेरे भाई और पिता को। पिता तो जेल में हैं, उन्होंने (पिता जी ने) यह कहा कि पार्टी के लिए मुझे ताउम्र जेल भी काटनी पड़े तो भी मैं तैयार हूं। ऐसी परिस्थितियों में हमें पार्टी से निकाल दिया गया। हम बिना किसी कारण के आज भी चौटाला के लीडरशिप को स्वीकार करते हैं। चौटाला से बढ़िया और अच्छा नेता नहीं हो सकता। हमने गलती क्या की, यह तो कोई समझाए।

सवाल: वह कहते हैं कि इन्होंने अलग पार्टी बनाई।
जवाब: जब आप हमें पार्टी से निकालेंगे और देशद्रोही कहोगे फिर भी हम अपना मुंह बंद रखेंगे, क्या हमारा इतना भी अधिकार नहीं है कि राजनीतिक तौर पर हम पार्टी बना सकें। हम आज भी सभाओं में कहते हैं कि ओमप्रकाश चौटाला जिंदाबाद थे, हैं और रहेंगे। कोई हमें यह समझा दे कि हमने यह गुनाह किया है तो हम सार्वजनिक तौर क्षमा मांग लेंगे।

सवाल: आपने कांग्रेस के दो बड़े दिग्गजों से चुनाव लड़ा। एक कांग्रेस पार्टी के राष्टÑीय प्रवक्ता और दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री से।
जवाब: चौधरी देवीलाल कहते थे कि टक्कर अपने से बड़े से लेनी चाहिए।

सवाल: आने वाले दो महीने में चुनाव होने को है, ऐसी स्थिति में आप कहां तक तैयार हैं।
जवाब: हम पूरी तरह से तैयार हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान हमारी पार्टी पूर्ण रूप से तैयार नहीं थी। समाज तक अगर पार्टी को पहुंचना है तो उसके अलग-अलग विंग को विकसित करना होगा। एक दुष्यंत ही अकेला सब कुछ नहीं कर सकता। अगले चुनाव की 90 की 90 सीट पर हम दमखम दिखाएंगे।

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