RPS School में हुआ भव्य सम्मान समारोह

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आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव।
आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव।
  •  आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव शिक्षा के क्षेत्र में देश की 20 प्रभावशाली महिलाओं में चयन
  • आज 17 विद्यालयों व 7 कॉलेज के माध्यम से 55 हजार बच्चों को दे रही है शिक्षा रूपी ज्ञान
  •  नारी सशक्तिकरण की मिशाल है डॉ. पवित्रा राव

Aaj samaj (आज समाज ), RPS School, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सराहनीय कार्य को देखते हुए उन्हें देश की 20 प्रभावशाली महिलाओं में चयन किया गया है। इससे पहले भी शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे अतुलनीय कार्य करने पर उनका टॉप 50 महिलाओं में आइकन अवार्ड के लिए चयन हो चुका है। नारी उत्थान के लिए किए गए कार्यों के चलते डॉक्टर पवित्रा राव आज नारी सशक्तिकरण की मिशाल बना चुकी है। आज वह महेंद्रगढ़ के साथ-साथ प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 17 विद्यालयों व 7 कॉलेज के माध्यम से 55 हजार बच्चों को शिक्षा रूपी ज्ञान दे रही है। उनकी इस उपलब्धि पर शुक्रवार को विद्यालय प्रांगण में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित कर ग्रुप के सीईओ इंजी. मनीष राव, प्राचार्य डॉ. किशोर तिवारी, उप प्राचार्य दिनेश कुमार, डीन एलएन गौड़, पवन तिवारी, विंग हेड देवेंद्र पूनिया, जिले सिंह, अमित कुमार, ममता, अनीता अहलावत सहित आरपीएस परिवार के सभी सदस्यों ने डॉ. पवित्रा राव को बधाई व शुभकामनाएं दी।

गौरतलब है कि डॉ. पवित्रा राव को शी इंस्पायर पत्रिका द्वारा ‘भारतीय शिक्षा में शीर्ष 20 प्रभावशाली महिलाओं’ में चित्रित किया गया है। शैक्षिक क्षेत्र में उनका अभूतपूर्व योगदान और समर्पण उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि में परिलक्षित होता है। अपनी विशेषज्ञता, अभियान और अभिनव दृष्टिकोण के साथ शैक्षिक परिदृश्य में जो प्रभाव डॉ. राव ने पैदा किया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए अमिट निशान छोड़ रहा है। उनकी अडिग दृढ़ता और उत्कृष्टता की खोज ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष प्रभावशाली भारतीय महिलाओं के बीच एक प्रमुख स्थान दिया है। डॉ. राव की विनम्रता, अनुग्रह, काम करने के निस्वार्थ तरीके ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में एक विशाल प्रकाशस्तंभ बना दिया है। डॉ. राव ने अपनी सफलता का श्रेय हमेशा अपनी टीम को दिया है। हम उसके निरंतर विकास और सफलता की आशा करते हैं जो आगे है।

पिछड़े क्षेत्र से शुरू की शिक्षा की ज्योत का प्रकाश आज पूरे देश-प्रदेश में

गौरतलब है कि सकारात्मक सोच के साथ प्रदेश के पिछड़े इलाके महेंद्रगढ़ से शुरू की गई शिक्षा की ज्योत का प्रकाश आज पूरे देश व प्रदेश में फैल रहा है जिसका लाभ देश की युवा व भावी पीढ़ी को मिल रहा है। डॉ. पवित्रा राव ने एमए इंग्लिस व बीएड की पढ़ाई अपने विवाह के बाद की। उनके ससुर एडवोकेट स्व. डॉ. ओपी यादव महेंद्रगढ़ बार एसोसिएसन के प्रतिष्ठित एडवोकेट थे जिन्होंने डॉ. पवित्रा राव की इस पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने की सोच को साकार रूप देने के उद्देश्य से संसाधनों का अभाव होते हुए भी 1998 में 350 विद्यार्थियों के साथ सतनाली रोड पर गांव खातोद में एक छोटे से विद्यालय का शुभारम्भ किया। डॉ. पवित्रा राव ने बतौर विद्यालय की चेयरपर्सन इस क्षेत्र में कदम बढ़ाया जिसमें आरपीएस के फाऊंडर डॉयरेक्टर डॉ. ओपी यादव का अविस्मरणीय व विशेष सहयोग कदम-कदम पर रहा। । इसके साथ-साथ उनकी सास विमला देवी, पति एडवोकेट नरेन्द्र राव व देवर इंजी. मनीष राव का शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदियों को छूने में विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।

महेंद्रगढ़ आज बना शिक्षा का मिनी हब

वर्षों से महेंद्रगढ़ विकास के मामले में पिछड़ता रहा। इस क्षेत्र को पूरे हरियाणा प्रदेश में काला पानी की सजा के नाम से जाना जाता था। यहां शिक्षा के प्रति लोगों का रुझान भी उस समय कम था । डॉ. पवित्रा राव ने अपनी सूझ-बूझ से महेंद्रगढ़ पर पिछड़ा वर्ग का दाग मिटाने के लिए रात-दिन कठिन परिश्रम व मेहनत की जिसका परिणाम है कि आज आरपीएस एक बड़े ग्रुप में सुमार हो गया है। इस ग्रुप की संस्थाएं प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश के नामी शैक्षणिक प्रतिष्ठानों में गिनी जाती हैं। वर्तमान में महेंद्रगढ़ की मदर ब्रांच के अलावा आज आरपीएस ग्रुप की विभिन्न रेवाड़ी, गुरुग्राम, कोसली, नारनौल, हिसार, हांसी, करनाल, धारूहेड़ा, बहरोड़, रोहतक, दादरी सहित अन्य स्थानों पर 17 बड़े विद्यालय तथा 7 बड़े कॉलेज जिसमें वेटरनरी सांईस कॉलेज भी शामिल है। इस संस्थान में आज 55 हजार से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है। इन संस्थाओं में 8 हजार से अधिक कर्मचारियों को रोजगार मिला हुआ है। वर्तमान समय में डॉ. पवित्रा राव के दिशा-निर्देश में सभी आरपीएस संस्थाओं के विद्यार्थी आईआईटी, पीएमटी, केवीपीवाई, एनडीए, एनटीएसई सीए, आईआईटी जैम, नेट, यूपीएससी के परीक्षा परिणामों के साथ-साथ सीबीएसई बोर्ड, सांस्कृतिक कार्यक्रमों व खेलों में जिले, प्रदेश व देश में शीर्ष पर रहकर विद्यार्थियों व अभिभावकों के सपनों को साकार कर रहे हैं। यह सब डॉ. पवित्रा राव के सकारात्मक विचारों का प्रतिफल है। हजारों की संख्या में अभिभावक, शिक्षक, शिक्षाविद्, समाज सेवी उनकी विचारधारा से खुश ही नहीं बेहद प्रभावित भी हैं तथा उनको विशेष सहयोग देते रहते हैं।

नारी सशक्तिकरण की मिसाल है डॉ. पवित्रा राव

अबला कही जाने वाली नारी जब सबला बन जाती है तो वह समाज को नई बुलंदियों पर ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर संघर्षशील हो जाती है। ऐसे में सब चुनौतियां भी नत मस्तक होकर सफलता की राह दिखाने लग जाती हैं। डॉ. पवित्रा राव ऐसी नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही है, जिन्होंने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति व कठिन परिश्रम, साधना से ना केवल नारी जाति का गौरव बढ़ाया है बल्कि उनके लिए एक प्रेरणा भी बनकर सामने आई है। उनका कहना है कि सकारात्मक सोच से बढ़ाया गया कदम निश्चित रूप से सफलता की राह पर ले जाता है।

सराहनीय कार्यो के बल पर मिली पहचान

डॉ. पवित्रा राव ने अपने विद्यालय में विद्यार्थियों की रट्टा-प्रवृत्ति को मिटाकर प्रत्येक विषय को समझकर रचनात्मक कार्य पर बल दिया। विद्यार्थी भी रचनात्मक कार्य करके शिक्षा के प्रति जागरुक हुए जो आज देश के बड़े पदों पर पहुंचें । सरकार की योजना 134ए के तहत गरीब विद्यार्थियों को विद्यालय में बिना भेदभाव उन्हें अच्छी शिक्षा दी जा रही है व अन्य आर्थिक तौर पर कमजोर सभी वर्ग के विद्यार्थियों को संस्था में निःशुल्क पढ़ने का मौका मिल रहा है। देश पर कुर्बानी देने वाले शहीदों के बच्चों को भी ग्रुप के विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा विभिन्न समाज सेवियों द्वारा चलाए जाने वाले भारतीय संस्कृति उत्थान के संरक्षण कार्यक्रमों में अपना अमूल्य योगदान, विभिन्न स्थानों पर ब्लाइंड स्कूलों, अनाथालयों, गऊशालाओं, देवालयों, सरकारी अस्पतालों में अनाज व धन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराकर भरपूर सहायता देने का काम सराहनीय है। समय-समय पर क्षेत्र के अन्य गरीब लोगों को वस्त्र, धन, व खाद्य सामग्री सीहित अन्य प्रकार से उनकी मदद करने के लिए हमेशा तत्पर नजर आती है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की बहन-बेटियों के विवाह-शादियों में उनकी मदद करती है।

पर्यावरण संरक्षण में रहा विशेष सहयोग

डॉ. राव का प्रकृति के प्रति विशेष लगाव रहा है। इसलिए प्रकृति, पर्यावरण, जल संरक्षण को लेकर समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित कर न केवल विद्यालय के बच्चों बल्कि आम लोगों के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही है। विद्यालय ही नहीं बच्चों व अपने कर्मचारियों को आसपास सार्वजनिक स्थानों पर अधिक से अधिक पौधारोपण करने के लिए प्रेरित करती रहती है। कोरोना महामारी के समय संस्था के प्रत्येक कर्मचारी का पूरी तरह से ध्यान रखने के साथ-साथ क्षेत्र के पीड़ित लोगों को भी खाद्य सामग्रियां देने के साथ-साथ अन्य प्रकार से हर संभवन सहायता की व उन्हें इस महामारी से बचाव को लेकर जागरूक करते हुए निडरता से इससे लड़ने के लिए प्रेरित किया। डॉ. पवित्रा राव द्वारा नारनौल में भी गरीब असहाय लोगों को जहां भोजन मिलता है वहां हर माह यथा संभव सहायता देने का काम भी कर रही है। डॉ. राव महिलाओं के लिए ड्राईवर ट्रेनिंग कैंप, भगवत गीता, पुराण, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों की पुस्तकों का समय पर वितरण कर लोगों के विचारों को धर्म से जोड़े रखने का काम भी कर रही है। क्षेत्र के लोगों ने खुशी जाहिर कि है कि आरपीएस संस्था की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक व धार्मिक कार्यों में अनवरत रूप से लग्नशील हैं।

चार बहन-भाइयों में सबसे बड़ी

आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव का जन्म राव साहब आफरिया परिवार में 1 मई 1974 नजफगढ़ दिल्ली में हुआ। वे चार बहन भाइयों में सबसे बड़ी है। उनके पिता औमप्रकाश यादव एक सफल बिजनेस मैन व समाज सुधारक थे । उनकी माता इंदिरा देवी एक सफल गृहिणी थी, जिन्होंने उनके अन्दर सदा मानवीय सरोकारों के उच्च मापदंड स्थापित किए । वह सदा मानव सेवा में विश्वास करने वाली धार्मिक प्रवृत्ति की नारी थी। डॉ. राव के पिता दिल्ली में तीन शैक्षिक प्रतिष्ठित संस्थाओं राव मान सिंह, राव मोहर सिंह के सफल संचालक रहे, वे एक सफल स्कूल संचालक के साथ सफल बिजनेस मैन भी कहलाए। डॉ. पवित्रा राव का विवाह कनीना के एडवोकेट डॉ. औम प्रकाश यादव के बड़े पुत्र एडवोकेट नरेन्द्र राव के साथ हुआ। यह कनीनवाल राव परिवार भी काफी मेहनती व सुशिक्षित है।

अनेक उपलब्धियां रही इनके नाम

शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने वाली आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव को टॉप 50 महिला आइकन अवार्ड के लिए चयनित किया जा चुका है। हरियाणा प्रदेश से अकेली महिला रही जो इस अवार्ड के लिए चयनित हुई थी। हाल ही में जारी हुई शिक्षा के क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली टॉप 20 महिलाओं की सूची में आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव को शामिल करना इस क्षेत्र के लिए बड़े गौरव का विषय है। पूरे आरपीएस परिवार ही नहीं अपितु अनेक सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के लोगों ने भी ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव को बधाई देते हुए उनके द्वारा फैलाए जा रहे शिक्षा के प्रकाश तथा सामाजिक कार्यों की सराहना की।

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