रोहतक : आईटीआई मैदान में अवैध रूप से चल रही है मेले की तैयारियां

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संजीव कुमार, रोहतक :
पुरानी आईटीआई ग्राऊंड में इन दिनों मेला लगाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं लेकिन वहीं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सम्पदा अधिकारी ने अपने पत्र क्रमांक 2864 दिनांक 18-8-2021 द्वारा बुकिंग रद्द करने बारे पत्र जारी कर रखा है। लेकिन फिर भी किन अधिकारियों की मिलीभगत से मेले की तैयारियां चल रही हैं यह जांच का विषय है। वैसे भी हरियाणा सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते लॉकडाऊन को लगातार बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में इस मेले का आयोजन किस आधार पर किया जा रहा है यह समझ से परे है। क्या मेले से कोविड-19 नहीं फैलेगा? अगर फैलता है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण प्रशासकीय अधिकारी पंचकुला के.एल. काम्बोज द्वारा सभी सम्पदा अधिकारियों को एक पत्र क्रमांक 35759 दिनांक 5-8-2021 को जारी किया गया था। जिसमें हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई विभिन्न सम्पदाओं में पार्किंग व खुली जगह को बुक करने हेतु एक समान नीति का निर्धारण करने बारे आॅनलाइन बुकिंग का प्रावधान करने की बात कही गई थी। इस पत्र द्वारा मुख्य प्रशासक ने संज्ञान में लाया था कि जब तक इसके लिए आॅनलाइन बुकिंग का प्रावधान नहीं हो जाता तब तक किसी भी सम्पदा अधिकारी द्वारा इन खुले स्थलों की बुकिंग नहीं करने के आदेश जारी किये गये थे।
इस तरह की बुकिंग को रद्द करने के लिए एक पत्र हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सम्पदा अधिकारी रोहतक द्वारा पत्र क्रमांक 2864 दिनांक 18 अगस्त, 2021 को जारी किया गया।

जिसमें साफ तौर पर आदेश जारी किये गये हैं कि पार्किंग व खुली जगह की जो बुकिंग की जा रही है उसे तत्काल प्रभाव से बन्द किया जाये तथा जो भी बुकिंग की जा चुकी हैं उन सभी बुकिंग को तुरन्त प्रभाव से रद्द किया जाये। इस आशय की जानकारी दिल्ली इवेंट कंपनी के मालिकों सतपाल व विपिन बिरला को भी भेज दी गई है लेकिन रोहतक के आईटीआई ग्राऊंड में दिल्ली इवेंट कंपनी द्वारा इन दिनों मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं तथा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस प्रकरण से संकेत मिल रहे हैं कि इवेंट कंपनी ने कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके इस मेले को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिशें हो रही हैं। इस घोटाले में कौन-कौन अधिकारी शामिल हैं यह जांच का विषय है। अब देखना यह है कि यह मेला लगता है या फिर अधिकारियों के आदेशों की पालना होती है।

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