यमुनानगर : आरएमपी डाक्टर्स ने ड्यूटी देकर लाखों लोगों की जान बचाने का काम किया : डा. ऋषिपाल सैनी

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प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
महामारी के दौरान प्रदेश के लाखों आरएमपी डाक्टरों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए ग्रामीणों को इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई। शहरों में महामारी के दौरान जब अस्पतालों में लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिली और बहुत से डाक्टरों ने महामारी के प्रकोप को देखते हुए मरीजों की इलाज करना बंद कर दिया था तो उस समय आरएमपी डाक्टरों ने गांवों में सस्ते दामों पर ग्रामीणों का इलाज किया। आरएमपी डाक्टरों ने पहली पंक्ति के कोरोना योद्धाओं की तरह अपनी ड्यूटी देकर लाखों लोगों की जान बचाने का काम किया। यह शब्द आरएमपी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. ऋषिपाल सैनी ने वीरवार को कांबोज धर्मशाला रादौर में आयोजित जिला स्तरीय आरएमपी एसोसिएशन की विशाल बैठक में कहे। बैठक में जिले के लगभग 2500 से अधिक आरएमपी डाक्टरों ने भाग लिया। आरएमपी एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ डा. ऋषिपाल सैनी ने शहीद उधम सिंह की प्रतिमा पर नमन कर किया। इस अवसर पर हेल्थकेयर वर्कर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन व आरएमपी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ऋषिपाल सैनी ने कहा कि इनेलो सरकार द्वारा हरियाणा स्वास्थ्य कर्मकार विधेयक 2004 को पास किया गया था। जिसके बाद 2018 में भाजपा सरकार ने प्रदेश में हेल्थ केयर वर्कर बोर्ड का गठन कर आरएमपी डाक्टरों का मान्यता देने के लिए कुछ नियम बनाए थे। जो विधानसभा चुनावों के चलते लागू नहीं हो पाए थे। अब मौजूदा मानसून सत्र में सरकार हरियाणा कर्मकार विधेयक 2018 में पास हुए नियमों को मंजूरी प्रदान करे। जिससे गांव में चिकित्सा सुविधा देने वाले आरएमपी डाक्टर ग्रामीणों को प्राथमिक चिकित्सा देकर उनका इलाज कर सके। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान प्रदेश में 1 लाख से अधिक आरएमपी डाक्टरों ने ग्रामीणों का इलाज कर उनकी जान बचाई थी। इस दौरान जिला यमुनानगर में 7 आरएमपी डाक्टरों की इलाज के दौरान मौत भी हुई है। आरएमपी डाक्टरों ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए लोगों के जीवन को बचाने में सहयोग किया। उन्होंने कहा कि आरएमपी डाक्टर सरकार के टीकाकरण अभियान में भी अपना सहयोग करके महामारी से जनता को बचाने में अपना योगदान दे सकते है। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष कुलदीप रामपुर, देशराज कांबोज, यशपाल कांबोज, ओमप्रकाश कांबोज, मायाराम टोपरा, सतीश धीमान, संजीव कश्यप, सुरेश कश्यप, मोहन प्रजापत, पदम राणा, करनैल सिंह गुर्जर, रामकुमार सैनी, नफे सिंह चौहान, जरनैल सिंह सारण, तिलक राज खान गुमथला, सुरेंद्र पांसरा, मनोज शर्मा, महेंद्र जोगी, ऋषिपाल बावा, रामकुमार शर्मा, लज्जाराम पाल, नरेश खिजराबाद, समय सिंह सैनी, राजबीर गुर्जर, जोगिंद्र कनालसी, कैलाश आदि मौजूद रहे।

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