Rajnath Singh: कारगिल युद्ध में एलओसी पार नहीं की, भविष्य में जरूरत पड़ी तो करेंगे

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Rajnath Singh
लद्दाख के द्रास में कारगिल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।

Aaj Samaj (आज समाज), Rajnath Singh, नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24वेें कारगिल विजय दिवस पर पाकिस्तान को एक बार चेतावनी दी है। उन्होंने बुधवार को लद्दाख के द्रास में कारगिल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में हमने नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार नहीं किया था लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम एलओसी पार नहीं कर सकते थे।

कारगिल वॉर के समय भी हम एलओसी पार कर सकते थे

उन्होंने कहा, हम ऐसा कर सकते थे और भविष्य में अगर जरूरत पड़ी तो हम ऐसा करेंगे भी। राजनाथ ने यह भी कहा कि जनता को युद्ध के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। कार्यक्रम में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। उन्होंने भी कारगिल युद्ध के शहीदों को पुष्पांजलि दी। बता दें कि 26 जुलाई, 1999 को कारगिल में भारतीय सेना तिरंगा लहराया था। इस जंग में देश के 527 जवान शहीद हुए थे। इन शहीदों को सम्मान देने के लिए 4 मिग-29 एयरक्राफ्ट्स ने फ्लाई पास्ट किया। तीन चीता हेलिकॉप्टर्स ने मेमोरियल पर फूल बरसाए।

अदम्य इच्छाशक्ति से लड़ी जाती है जंग

रक्षा मंत्री ने कहा, हमारी सेना ने हमेशा बताया कि जंग न्यूक्लियर बम से नहीं बल्कि शौर्य और अदम्य इच्छाशक्ति से लड़ी जाती है। युद्ध केवल सेना ही नहीं लड़ती बल्कि युद्ध दो राष्ट्रों व उनकी जनता के बीच होता है। किसी भी युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से सेनाएं तो भाग लेती ही हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उस युद्ध में किसान से लेकर डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और कई सारे पेशों के लोग भी शामिल होते हैं। हाल के दिनों में युद्ध लंबे खिंच रहे हैं।

जनता सीधे तौर पर युद्ध में शामिल होने के लिए तैयार रहे

आने वाले समय में जनता को इनडायरेक्ट नहीं बल्कि सीधे तौर पर युद्ध में शामिल होने के लिए तैयार होना चाहिए। जनता को इस बात के लिए मानसिक रूप से तैयार होना होगा कि जब भी देश को उनकी जरूरत पड़े, वे सेना की मदद के लिए तत्पर रहे।

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