Rain Havoc And Global Warming: भारत और दुनिया के कई देशों के लिए आफत बनी बारिश और गर्मी

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Rain Havoc And Global Warming
भारत और दुनिया के कई देशों के लिए आफत बनी बारिश और गर्मी

Aaj Samaj (आज समाज), Rain Havoc And Global Warming, नई दिल्ली: देश के कई राज्यों के लिए जहां इन दिनों मानसून की बारिश आफत बनी है, वहीं भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों के लिए इस बार गर्मी भी कहर बनी है। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल प्रेडिक्शन की गर्मी पर जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर इसी सप्ताह तीन जुलाई अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया है। वहीं इस साल जून में लू यानी हीटवेव से भारत के पूर्वी हिस्से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 11 से 19 दिन तक रिकॉर्ड लू चली। वहीं, पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ में 7 से 9 दिन भीषण गर्मी रिकॉर्ड की गई।

  • जून में लू से भारत के पूर्वी हिस्से सबसे ज्यादा प्रभावित
  • वैश्विक स्तर पर तीन जुलाई अब तक का सबसे गर्म दिन

 26 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

आईएमडी ने गुरुवार तक दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गोवा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु व असम-मेघालय सहित पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्यों समेत देश के 26 प्रदेशों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में बुधवार सुबह बारिश के बीच बिजली गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार को यूपी के आजमगढ़ में बिजली गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस तरह दो दिन में राज्य में 10 लोग जान गंवा चुके हैं।

मुंबई के राहुल नगर इलाके में सड़क का बड़ा हिस्सा धंसा

उधर, मुंबई के राहुल नगर इलाके में एक अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग के पास सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया। इससे करीब 10 टू-व्हीलर्स और 4 गाड़ियां बिल्डिंग बनाने के लिए खोदे गए गड्ढे में गिर गए। हालांकि हादसे में कोई जानहानि नहीं हुई है। दिल्ली और लखनऊ में भी सड़कें धंसी हैं। वेस्ट राजस्थान, मराठावाड़, बिहार और जम्मू-कश्मीर में बारिश की संभावना नहीं जताई गई है। गुजरात और राजस्थान में अब तक सबसे ज्यादा बारिश हुई है। गुजरात में 301 मिमी ( सामान्य से 111 फीसदी ज्यादा) और राजस्थान में 170 मिमी (सामान्य से 142 फीसदी ज्यादा) बारिश हुई है।

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सबसे कम बारिश हुई है। तेलंगाना में 71 मिमी ( सामान्य से 53 फीसदी कम) और आंध्र प्रदेश में 78 मिमी (सामान्य से 26 फीसदी कम) बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश में बारिश की वजह से अब भी 27 सड़कें बंद हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉक्टर सुरेंद्र पाल ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लैंड स्लाइड संभावित क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि भारी बारिश से और भी सड़कें और रास्ते बंद हो सकते है और ऐसे में कोई भी प्रोग्राम मौसम को देखते हुए बनाया जाए।

अल नीनो और कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन ग्लोबल टेम्परेचर बढ़ने की वजह

तीन जुलाई यानी इसी सप्ताह सोमवार को एवरेज ग्लोबल टेम्परेचर सबसे ज्यादा रहा। वैैज्ञानिकों ने इसकी वजह अल नीनो नामक प्राकृतिक मौसम घटना व इंसानों की ओर से कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन का संयोजन से बताया है। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल प्रेडिक्शन की रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है और बढ़ती गर्मी कोई जश्न नहीं, बल्कि यह लोगों के लिए मौत की सजा है। बता दें, इन दिनों लगभग पूरी दुनिया में हीटवेव यानी लू चल रही है और इस वजह से मंगलवार का भी औसत वैश्विक तापमान 17.01 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस तापमान ने साल 2016 में बने पिछले रिकॉर्ड 16.92 डिग्री सेल्सियस को पीछे छोड़ दिया है।

अंटार्कटिका में इन दिनों सर्दी का मौसम, पर वहां भी तापमान में असामान्य वृद्धि

परेशान करने वाली बात यह है कि जहां सर्दियों का मौसम है, वहां भी गर्मी महसूस की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार बर्फ से अक्सर घिरे रहने वाले अंटार्कटिका जैसे ठंडे महाद्वीप में इस समय सर्दियों का मौसम है, लेकिन वहां भी असामान्य रूप से उच्च तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। उत्तरी अफ्रीका में तो तापमान 50 डिग्री तक पहुंच चुका है। बता दें कि सिैटेलाइट के जरिए ग्लोबल टेम्परेचर को मॉनिटर करने का सिलसिला 1979 में शुरू हुआ था। तब से लेकर अब तक तीन जुलाई को ही सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया है। चीन में भी लोग गर्मी की मार झेल रहे हैं। यहां तापमान 35 डिग्री से अधिक बना हुआ है।

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