बिजली संकट गहराया, झज्जर प्लांट की एक यूनिट बंद

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बिजली संकट गहराया, झज्जर प्लांट की एक यूनिट बंद
बिजली संकट गहराया, झज्जर प्लांट की एक यूनिट बंद

आज समाज डिजिटल, अंबाला:
प्रदेश में दिन ब दिन बिजली संकट गहराता जा रहा है। पहले से मुसीबत में चल रही व्यवस्था के साथ ही झज्जर स्थित महात्मा गांधी पावर स्टेशन की यूनिट-दो बंद हो गई है। इसके बंद होने का कारण तकनीकी खराबी बताया जा रहा है। इस यूनिट से 660 मेगावाट बिजली मिलती है। थर्मल इंजीनियर इसके ठीक होने का समय दो से तीन दिन बता रहे हैं।

प्रदेश में बढ़ गई बिजली की मांग

प्रदेश की मांग बढ़कर 9372 मेगावाट तक पहुंच गई है। स्टॉक में कम होने के चलते 42.47 लाख यूनिट के कट लगाए जा रहे हैं। झज्जर प्लांट की यूनिट बंद होने से आगामी कुछ और दिन उपभोक्ताओं को बिजली के ज्यादा कट झेलने पड़ सकते हैं। हरियाणा में पहले से ही हिसार के गांव खेदड़ स्थित राजीव गांधी पावर प्लांट की 600 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 2 बंद चल रही है। रोटोर खराब होने के कारण यह यूनिट पिछले एक साल से बंद है। रोटोर उपकरण चीन से आना है।

सरकार दे चुकी है नए रोटोर का आर्डर

सरकार की तरफ से नए रोटोर की खरीद के लिए आर्डर दिया जा चुका है लेकिन चीन में दोबारा से कोरोना आने के चलते यह डिलीवरी अटकी हुई है। इसके अलावा, अडाणी से 1424 और टाटा पावर कंपनी से 500 मेगावाट बिजली पहले से ही एक साल से बंद चल रही है। गौर हो कि विभाग की ओर से उद्योगों में रात 8 से 4 बजे बिजली बंद रखी जा रही है। वहीं, शहरों में 6.30 और गांवों में 4 घंटे के घोषित कट लगाए जा रहे हैं, अघोषित कटों की संख्या अलग है।

बढ़ गई 2611 मेगावाट की मांग

गर्मी के कारण प्रदेश में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। अकेले अप्रैल माह में ही 2611 मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी। एक अप्रैल को जहां बिजली की मांग 6805 मेगावाट थी, वह बढ़कर 30 अप्रैल तक रिकॉर्ड 9416 मेगावाट तक पहुंच गई। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती गई तो बिजली की खपत भी बढ़ती गई। 20 अप्रैल के बाद से मांग आठ हजार मेगावाट का आंकड़ा पार कर गई। एक मई को प्रदेश में मांग 9287 मेगावाट मांग रही और 1824 लाख यूनिट की सप्लाई दी।

अभी असमंजस में है नई बिजली खरीद

अभी नई बिजली खरीद में भी पेंच फंसा हुआ है। विभाग की ओर से छत्तीसगढ़ से 350 और मध्य प्रदेश से 150 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए तीन साल का करार हो चुका है लेकिन सुनवाई के दौरान एचईआरसी (हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग) ने इस पर आपत्ति जताई। साथ ही हर साल केवल 7-7 माह बिजली लेने की मंजूरी दी है। अब पेंच यहां फंस गया है कि दोनों कंपनी हरियाणा को सात सात माह बिजली देने के लिए तैयार होंगी या नहीं। प्रदेश सरकार इसकी समीक्षा कर रही है।

अभय चौटाला बोले: अडानी के आगे नतमस्तक है सरकार

इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है और भाजपा सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। हरियाणा सरकार आज अडानी के सामने नतमस्तक हो चुकी है और जनता में हाहाकार मचा हुआ है। चौटाला ने आरोप लगाया कि बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए थर्मल प्लांट्स की सर्विस ठीक समय पर नहीं की जाती, थर्मल को चलाने के लिए मशीनों के स्पेयर पार्ट्स समय पर बदले नहीं जाते, कोयले की क्वालिटी पर ध्यान नहीं दिया जाता। बिजली संकट का असर सीधे-सीधे प्रदेश की जनता, खेती और उद्योगों पर पड़ रहा है।

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