नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर तीन दिन तक हुई चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीबों को समर्पित सरकार है और गरीबी उन्मूलन के लिए कृषि सुधार जरूरी है। देश में 12 करोड़ किसानों के पास दो एकड़ से भी कम भूमि है जिन्हें सरकार की किसी सहायता का लाभ नहीं मिल पाता है। हमारी सरकार उन किसानों तक पहुंचना चाहती है। इसी के साथ पीएम ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा में चर्चा के दौरान मुझे बहुत कुछ कहा, पर मुझे बुरा नहीं लगा। मुझे पता है लॉकडाउन के दौरान आप लोग कहीं निकल नहीं सके और घर में रहे होंगे। इस दौरान घर में काफी घर में काफी घमासान हुआ होगा और उसका गुस्सा आपने यहां आकर निकाल दिया अच्छा है और इससे आपका मन भी हल्का हो गया होगा। उन्होंने कहा कि जब तक मोदी है इसका भी मौका लेते रहिए। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर कटाक्ष किए और विपक्ष पर बरसे। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आजादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाजार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था और वो काम हम कर रहे हैं। आप लोगों को गर्व होना चाहिए कि देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था वो मोदी को करना पड़ रहा है।कृषि सुधार हमेशा से ही पिछली सरकारों की भी प्राथमिकता में रहे हैं। उन्होंने इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और चौधरी चरण सिंह का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन वापस ले लेना चाहिए। कोई कानून अंतिम नहीं है। इनमें सुधार की व्यापक गुंजाइश होती है और बाद में भी सुधार हो सकेंगे। उन्होंने आश्वस्त किया कि एक बार कानूनों के लागू हो जाने के बाद, इनमें जो भी कमी होगी, वह दूर कर ली जाएगी। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है। 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया। अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती, तो ये आंकड़ा उससे भी ज्यादा होता। अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये किसान के खाते में भेजे गये हैं
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