Paush Maas: आज से पौष माह शुरू

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Paush Maas: आज से पौष माह शुरू
Paush Maas: आज से पौष माह शुरू

इस पूरे महीने कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य
Paush Maas, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू कैलेंडर के 10वें माह पौष की शुरूआत आज हो गई है। यह माह धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इसी दौरान खरमास लगता है और सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं। इस पूरे महीने कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य माना गया है, वर्ना देवी-देवता अप्रसन्न हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि पौष माह के दौरान आपको कौन सी गलतियां और कौन से कामों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

पौष माह में न करें ये काम

पौष माह में खरमास लगने के कारण, इस पूरे महीने मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, यदि इस दौरान कोई शुभ कार्य किया जाता है, तो उसका फल अच्छा नहीं मिलता है और वह कार्य सफल नहीं होता है।

जैसे इस दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, जनेऊ संस्कार, नए व्यवसाय की शुरूआत। तामसिक भोजन का सेवन न करें। धार्मिक ग्रंथों में पौष माह को तपस्या और सात्विकता का महीना बताया गया है। इस दौरान आपको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

मांस, मदिरा का सेवन न करें

मांस, मदिरा (शराब) और किसी भी प्रकार के नशे का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। तामसिक भोजन जैसे- लहसुन, प्याज से दूरी बनाए रखें। इससे आपका मन अशांत होता है और पूजा-पाठ में बाधा आती है। इस माह में मूली, बैंगन, उड़द दाल,फूलगोभी, मसूर दाल, तले हुए व्यंजन और अत्यधिक चीनी नहीं खानी चाहिए। इस माह में क्रोध, लालच, ईर्ष्या नहीं करना चाहिए। साथ ही इस माह किसी अशब्द नहीं बोलना चाहिए।

अन्न दान को नजरअंदाज न करें

पौष माह में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व होता है। इस माह में अन्न दान करना बेहद शुभ माना गया है। इस माह में जरूरतमंदों को अन्न, चावल, गेहूं का दान जरूर करना चाहिए।

कटु या कठोर वचन न बोलें

मान्यता है कि इस महीने वाणी पर संयम रखना चाहिए। किसी का अपमान करना, कटु वचन बोलना, या किसी को ठेस पहुंचाना महापाप माना जाता है। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपको सूर्य देव का प्रकोप झेलना पड़ सकता है, जिससे आपके मान-सम्मान और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

पौष माह में क्या करना चाहिए?

  • पौष माह में हर सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए।
  • तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन और लाल फूल मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए।
  • अर्घ्य देते समय ॐ घृणि: सूर्याय नम: मंत्र का जप करना चाहिए।
  • पौष माह में हर रविवार को व्रत करना चाहिए।
  • इस माह में जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े दान देने चाहिए।
  • तिल, गुड़ और तिल-चावल की खिचड़ी का दान देना चाहिए।
  • पितरों का तर्पण करना चाहिए।
  • विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
  • भगवद गीता का पाठ करें।