सामाजिक भावनात्मक शिक्षण पर अध्यापकों को दी ट्रेनिंग

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Panipat News/Training given to teachers on social emotional education
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  • शौदापुर स्कूल में 45 अध्यापकों को दिए प्रभावी शिक्षण के टिप्स
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। हरियाणा राज्य स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद पंचकुला द्वारा निर्देशित दो दिवसीय स्कूल सेफ़्टी व सिक्योरिटी ट्रेनिंग का आयोजन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शौदापुर में हुआ। सीआरसी शौदापुर, लोहारी व सिठाना के स्कूलों से आए 44 अध्यापकों को मास्टर ट्रेनर एपीसी रमेश चहल व पीजीटी फ़ाईन आर्ट प्रदीप मलिक ने ट्रेनिंग दी। ट्रेनिंग का आयोजन एबीआरसी अंजू बंसल ने किया। कार्यशाला में औचक निरीक्षक करने पहुँची डीपीसी पानीपत सरोज बाल्यान ने बताया कि अध्यापकों को सकारात्मक व्यवहार एवं मेहनत से अपने शिक्षण कार्य को करना चाहिए।

एक टीम भावना से कार्य करना होगा

डीपीसी ने अध्यापकों से भावनात्मक तरीक़े से अपने शिक्षण को करने की बात कही। डिप्टी डीईओ सुदेश ठुकराल ने बताया कि बेहतर शिक्षण माहौल बनाने के लिए अध्यापक, छात्र व अभिभावकों को एक टीम भावना से कार्य करना होगा तभी सामाजिक सद्भाव को बनाया जा सकता है। मास्टर ट्रेनर एवं एपीसी रमेश चहल ने शिक्षा और संस्कार विषय पर अध्यापकों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि अध्यापकों को अपनी कक्षा में बच्चों को शैक्षणिक दृष्टि से सफल बनाने के साथ साथ नेक व्यवहारिक इंसान के गुण भी देने होगें।

सामाजिक भावनात्मक रवैया अपनाना होगा

पीजीटी फ़ाइन आर्ट प्रदीप मलिक ने परिचय एक्टिविटी से शुरुआत करते हुए आपसी समानता व असमानता के बारे चर्चा की। मलिक ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सामाजिक भावनात्मक शिक्षण को अपनाने की बात कही है। प्राचार्या अलका रानी ने अध्यापकों से अपने अपने भाव साँझा करने की बात कही। उन्होंने बताया कि स्कूलों में सुरक्षित भाव और माहौल देने के लिए अध्यापक अध्यापक की, अध्यापक छात्र की और छात्र छात्र के बीच सामाजिक भावनात्मक रवैया अपनाना होगा। एपीसी रमेश चहल ने बताया  कि विद्यालय शिक्षण को प्रभावी देने में स्वयं की जागरूकता व सहयोगियों में भावनात्मक भाव होना जरुरी है।

शिक्षण को प्रभावी बनाने के तरीके बताए

सामाजिक भावनात्मक शिक्षण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समान अवसर, ज़मीनी स्तर पर कार्य, अपने कौशल को दूसरों में स्थानांतरित करना महत्वपूर्ण है। प्रदीप मलिक ने परिचर्चा से हैप्पी पाठ्यक्रम, एक दूसरे के भाव को महत्व देना, मज़बूत संबंध बनाना, शैक्षणिक, सामाजिक व भावनात्मक कौशल को अपनाया जाना जरुरी है। इस मौक़े पर अध्यापकों को चार्ट गतिविधि से शिक्षण को प्रभावी बनाने के तरीके बताए। इस अवसर पर डिप्टी डीईओ सुदेश ठुकराल, प्राचार्या अलका रानी, एपीसी रमेश चहल, मास्टर ट्रेनर प्रदीप मलिक, एबीआरसी अंजू बंसल, मीना, ममता, सुनीता, सुरेंद्र सिंह, मीनाक्षी, अमित, लक्ष्मी देवी, नवीन व रमेश कुमार मौजूद रहे।
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