प्रभु माला और माल से राजी नहीं होते, हमारे कर्मों से प्रसन्न होते 

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Panipat News/Sanatan Dharma Sangathan
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आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। कर्म योगी हीरानंद मक्कड़ ने पुण्य कर्मों को ही अपना धर्म माना। आज उनकी स्मृति में प्रारंभ किया गया। यह परमानेंट प्रोजेक्ट पानीपत के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उक्त विचार पानीपत की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री सनातन धर्म संगठन के अध्यक्ष कृष्ण रेवड़ी ने कहे। उन्होंने कहा कर्मों को ही बना लें पूजा, प्रभु माला और माल से राजी नहीं होते, हमारे कर्मों से प्रसन्न होते हैं। गीता निष्काम कर्मों के द्वारा मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताती है। श्रेष्ठ कर्मों को ही सच्ची भक्ति समझो।

प्रातः काल की चाय का प्रारंभिक आहार में विशेष महत्व

परोपकार तथा यथार्थ सेवा के कर्म मनुष्य को आसक्ति, फलेच्छा व बंधन में ही डालते हैं। उन्होंने कहा कि इस भयंकर सर्दी में और सामान्य जीवन में भी प्रातः काल की चाय का प्रारंभिक आहार में विशेष महत्व है। इस अवसर पर शिवपुरी के अध्यक्ष वेद मक्का मक्का मक्कड़ उपाध्यक्ष विकास गोयल ने कहा यह प्रकल्प सालों साल चले, इसके लिए हम पूर्ण से प्रयासरत रहेंगे, क्योंकि ज्ञान, भक्ति और कर्म तीनों जीवन की आवश्यकताएं हैं। इस अवसर पर रमेश खोसला, मोनू  शंकर वाले जवाहर व विनोद कुमार आदि मौजूद रहे।
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