ऑनलाइन व्यापार के कारण देश का खुदरा व्यापार दिन-ब-दिन खत्म होता जा रहा है : अमित गुप्ता

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Panipat News/Due to online business the retail business of the country is getting destroyed day by day: Amit Gupta
Panipat News/Due to online business the retail business of the country is getting destroyed day by day: Amit Gupta
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। वर्तमान परिस्थितियों में देश का खुदरा व्यापार दिन-ब-दिन खत्म होता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण ऑनलाइन व्यापार है। ये बात आज राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने एक नीजि रेस्त्रा में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। अमित गुप्ता ने कहा कि ई-कॉमर्स देश के खुदरा व्यापार के लिए मीठा जहर का काम कर रहा है। 2008 में ऑनलाईन व्यापार 200 करोड़ रूपए का था और आज यह 2022 मार्च तक यह व्यापार 620000 लाख हजार करोड़ का पहुंच गया है जिससे आज पूरे देश में खुदरा व्यापार की 6.5 प्रतिशत दुकान बंद हो गई है। 14 प्रतिशत कुटीर उद्योग पूरे देश के बंद हो गए है, गृह मंत्रालय की एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार आज वर्तमान में प्रतिदिन 47 से अधिक व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं।

छोटे व मझले व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि जहां खुदरा उद्योग बंद हो रहे है और छोटे व मझले व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं वही आरबीआई के द्वारा देश के कुछ उद्योगपतियों को 2018 में 161328 करोड़, 2019 में 236265 करोड़, 2020 में 234170 करोड़ रूपए राइट ऑफ कर दिया गया। वहीं बड़ी-बड़ी विद्युत वितरण करने वाली डिस्कॉम कंपनियों का 94000 मॉफ कर दिया है, लेकिन इस कोरोना कॉल में छोटे-छोटे व्यापारियों का ना तो बिजली का फिक्स जार्च मॉफ किया गया और ना ही उनके लोन की कर्ज मॉफी की गई। उन्होंने कहा कि आज देश का व्यापारी कठिनाई के दौर से गुजर रहा है। इसलिए केन्द्र सरकार देश के खुदरा व्यापार को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए लिए ई-कॉमर्स कंपनियों पर अतिरिक्त कर का प्रावधान करे व खुदरा व्यापार मंत्रालय का गठन करे।

 

 

Panipat News/Due to online business the retail business of the country is getting destroyed day by day: Amit Gupta
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उद्योगों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं

पत्रकारवार्ता के दौरान संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा कि देश का एमएसएमई सैक्टर जीडीपी में 30 प्रतिशत का तथा निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान देता है तथा देश में 95 प्रतिशत इंडस्ट्री छोटी, कुटीर व सूक्ष्म लघु उद्योग की है। ये 11 करोड़ एमएसएमई सेक्टर तथा खुदरा व्यापारी मिलकर देश में 43 करोड़ असंगठित क्षेत्र में रोजगार पैदा करने का काम करते है, लेकिन आज केन्द्र व राज्य सरकार की अनदेखी की वजह से इन उद्योगों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं आज देशभर में उत्पन्न हुआ रोजगार संकट कहीं न कहीं इन उद्योगों की वजह से ही इतने विकराल रूप में खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर एमएसएमई को मजबूत करने के लिए जितना हो सकें सहूलियते प्रदान करनी चाहिए, ताकि लघु व सुक्ष्म उद्योग के साथ बेराजगारी की समस्या पर भी काबू पाया जा सकें।

केन्द्र सरकार को नई संभावनाओं को खोजना होगा

मुख्य समन्वयक संतोष मंगल ने कहा कि भारतीय उद्यमियों के हौसले बुलंद करने के लिए केन्द्र सरकार को नई संभावनाओं को खोजना होगा। क्योंकि आज विश्व एक ऐसा बाजार ढूंढ रहा है जो राजनैतिक रूप से स्थिर और आर्थिक रूप से प्रगतिशील है। ये भारत के लिए एक अनूठा अवसर है क्योंकि हम ये दोनों जरूरतें पूरी करते हैं और बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश और टेक्नोलॉजी को अपने यहाँ आकर्षित कर सकते हैं। हमें इस मौके का लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग ने कहा कि जीएसटी कॉउंसिल द्वारा हाल ही में हुई अपनी बैठक में पैक किए अथवा लेबल लगाए गए सभी प्रकार के खाद्य पर्दाथों एवं कुछ अन्य वस्तुओं को जीएसटी काउंसिल के निर्णय को लागू करने से देश के खाद्यान्न व्यापारियों में बेहद निराशा है। क्योंकि इससे आम सामान की कीमत पर बड़े ब्रांड का कारोबार बढ़ेगा। इसलिए छोटे व्यापारियों के हितों को देखते हुए सरकार को ये फैसला वापिस लेना चाहिए।

टैक्सटाईल उद्योग पर नगर निगम द्वारा ट्रेड टैक्स लगाना निंदनीय 

संगठन के उपाध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि प्रदेश की बिगड़े हुए लॉ एंड आर्डर को देखते हुए पट्रोल पंप संचालक पुलिस विभाग की गाड़ियों को उधार में पट्रोल नहीं देंगे। क्योंकि जब पुलिस की सहायता करने वाले पट्रोल पंप ही अपराधियों से सुरक्षित नहीं है तो पुलिस के सहयोग की आवश्यकता ही क्या है। चैम्बर ऑफ कॉमर्श के विनोद खंडेलवाल ने कहा कि टैक्सटाईल उद्योग पर नगर निगम द्वारा ट्रेड टैक्स लगाना निंदनीय है, जिसकी हम भर्तस्ना करते है। उन्होंने कहा कि पहले से ही नुकसान में चल रहे टैक्सटाईल उद्योग पर इस तरह का टैक्स लगाना इस उद्योग को बर्बाद कर देगा। इस मौके पर पवन अग्रवाल, संजय गोयल, जितेश जैन, अमरनाथ गुप्ता, तरसेम बंसल, रिषभ जैन सहित अनेक व्यापारी नेता मौजूद रहे।

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