Pakistan’s foreign minister remembers China: पाकिस्तानी विदेश मंत्री की अमेरिका में नहीं बनी बात तो चीन की आई याद

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के अंदर भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से हटाए गए आर्टिकल 370 को लेकर आफत मची हुई है। भारत ने जिस तरह से इस आर्टिकल को हटाकर जम्मू-कश्मीर के लिए विकास के रास्ते खोले हैं उससे पाकिस्तान में बौखलाहट का माहौल है। अपनी बौखलाहट को पाकिस्तान पहले ही भारत से राजनयिक संबंध कम करने के तौर पर दिखा चुका है और उसके बाद गुरुवार को पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस रोक दी। उसके बाद भारत से गार्ड, ड्राइवर और इंजर भेजा गया जो पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस को अटारी लेकर आए। पाकिस्तान सरकार के मंत्रियों द्वारा इसके खिलाफ भारत को लगातार धमकियां दी जा रहीं हैं। परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा जा रहा है। अभी हाल ही में अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से मिली निराशा के बाद पाकिस्तान सरकार अपने सहयोगी चीन की ओर उम्मीदों को हाथ फैलाए जा रही है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जम्मू कश्मीर मसले पर भारत सरकार के फैसले के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए बीजिंग रवाना हुए हैं। शाह महमूद चीन के विदेश मंत्री वांग वी एवं अन्य चीनी नेताओं से मिलेंगे। जियो न्यूज की खबर के अनुसार, कुरैशी ने चीन जाने से पहले मीडिया से कहा कि भारत अपने असंवैधानिक कदमों से क्षेत्रीय शांति को खत्म करने की कोशिश कर रहा है और पाकिस्तान चीनी नेतृत्व को अपने विश्वास में लेगा।
कुरैशी ने कहा, चीन ना केवल पाकिस्तान का मित्र है बल्कि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश भी है। मैं कश्मीर में भारत सरकार द्वारा उठाए असंवैधानिक कदमों से चीनी नेताओं को अवगत कराऊंगा। मैं उन्हें मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के बारे भी जानकारी दूंगा। चीन की यात्रा कश्मीर पर भारत के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने की पाकिस्तान की कवायद का हिस्सा है। चीन ने भी लद्दाख को प्रभावित करने वाले बदलावों का विरोध किया है।

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