यमुनानगर : सावन के दूसरे सोमवार भी कालेश्वर महादेव मठ में लगा रहा भक्तों का ताता

0
429
Devotees performing Jalabhishek
Devotees performing Jalabhishek

प्रभजीत सिंह, यमुनानगर :
सावन का दूसरा सोमवार है। सावन मास में सोमवार का अपना ही विशेष महत्व है। वहीं यमुनानगर स्थित प्राचीन और ऐतिहासिक सिद्ध पीठ कालेश्वर महादेव मठ में भी शिवालय पर जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालु दूर दूर से आ रहे है। महाभारत काल मे पांडव भी यहां पूजा करने के लिए आये थे। यहां स्वयंभू शिवलिंग है। वहीं स्कंद पुराण में भी इस मंदिर का जिक्र है। ऐसी मान्यता है यहाँ शिवालय पर जल चढ़ाने और भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है।
यमुनानगर से 45 किलोमीटर दूर छछरौली-पांवटा नेशनल हाइवे पर गांव कलेसर में यमुना नदी किनारे बने श्रीकालेश्वर महादेव मठ में दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। सावन में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। हर दिन श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां पर भगवान शिव और मां पार्वती की प्राचीन मूर्तियां विराजमान हैं। खोदाई में मिली भगवान नटराज की प्रतिमा मंदिर में स्थापित की गई है। खोदाई से मिले पत्थरों पर अंकित संस्कृति एवं सांकेतिक भाषा से प्रतीत होता है कि यहां स्वयं भगवान शिव स्वयं भू शिवलिग के रूप में विराजमान है।
मंदिर की प्राचीनता को ब्यां करता हजारों वर्ष पुराना वट वृक्ष मंदिर प्रांगण में विराजमान है। वट वृक्ष के नीचे हर रविवार को जनकल्याण के लिए हवन किया जाता है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां के कई इतिहास है और यहां हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते है। वही सावन मास में यहां विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और मंत्रो उच्चारण चलता रहता है।

SHARE