हर मनुष्य के अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रहता है भगवान चित्रगुप्त के पास
Chitragupta Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: पांच दिवसीय दिवाली के पर्व में आखिरी यानी पांचवें भाई दूज का दिन मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 23 अक्टूबर यानी की आज मनाया जा रहा है। यह पर्व मुख्यत: भाई-बहन के प्रेम का पर्व है। इस दिन बहने अपने भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। साथ ही इस विशेष दिन पर चित्रगुप्त जी की पूजा भी की जाती है।
कौन हैं भगवान चित्रगुप्त
भगवान चित्रगुप्त का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के मन से हुआ था। उन्हें देवताओं का लेखपाल भी कहा जाता है। साथ ही वह यमराज के सहायक भी माने गए हैं। मान्यताओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त के पास हर मनुष्य के अच्छे बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रहता है।
भगवान चित्रगुप्त पूजा का महत्व
मुख्यत: भाई दूज पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। इस दिन उन्हें पूजा के दौरान कलम और कागज भी अर्पित किए जाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को शिक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति के शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति के योग बनते हैं। आप पूजा में अर्पित की गई कलम का इस्तेमाल रोजाना में कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक पर चित्रगुप्त जी की कृपा बनी रहती है।
भगवान चित्रगुप्त पूजा विधि
भाई दूज के दिन सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि से निवृत हो जाए। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। पूजा के स्थान पर एक चौकी बिछाकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद इस चौकी पर भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर स्थापित करें। अब तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं और भगवान चित्रगुप्त को मिठाई और फूल अर्पित करें। साथ ही भगवान चित्रगुप्त को पूजा के दौरान कलम भी अर्पित करें। इसके बाद एक कागज पर हल्दी लगाकर श्री गणेशाय नम: लिखें। अंत में चित्रगुप्त जी की आरती करें और सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें।