Assam Weather Updates, (आज समाज), गुवाहाटी: असम के सबसे बड़ शहर गुवाहाटी सहित राज्य के ज्यादातर इलाकों में शुक्रवार को हुई भारी बारिश के कारण आम जनजीवन बुरी तरह बाधित हो गया है। गुवाहाटी में बड़े पैमाने पर व्यापक जलभराव हुआ है जिससे लोगों के साथ यातायात को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गुवाहाटी में भूस्खलन की तीन घटनाएं हुईं, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा तट से दूर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी भाग पर बना कम दबाव का क्षेत्र दबाव में तब्दील होने की आशंका है, जिससे असम के कई जिलों में अब भी भारी बारिश, आंधी और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
यह भी पढ़ें : Study Report: जल्द पूरे अमेरिका को तबाह कर सकती है 1000 फीट ऊंची सुनामी लहर
स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही सरकार : सीएम सरमा
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने गुवाहाटी में लोक सेवा भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि स्थिति गंभीर बनी हुई है और शनिवार तक हालात ऐसे ही बने रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, असम के अलावा पूर्वोत्तर राज्य मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी भारी बारिश के कारण बड़े इलाके प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
स्कूल, कॉलेज व कार्यालय बंद
मौसम को देखते हुए कामरूप और कामरूप (मेट्रो) जिलों में राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को आज विशेष आकस्मिक अवकाश दिया गया है। स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे, और निजी प्रतिष्ठानों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। सुबह से लगातार हो रही बारिश के कारण रुक्मिणीगांव, बेलटोला सर्वे, हाटीगांव, गीतानगर, अनिल नगर, लखीमी नगर, जटिया, मालीगांव और पंजाबरी समेत गुवाहाटी के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
इन जिलों में आज के लिए रेड अलर्ट जारी
सीएम सरमा ने यह भी कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री को बड़े पैमाने पर पहाड़ी कटाई के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 2 जून को गुवाहाटी आमंत्रित किया गया है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह दोनों राज्यों, खासकर गुवाहाटी में बार-बार बाढ़ और भूस्खलन का कारण बन रहा है। इस बीच, क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी), गुवाहाटी ने चिरांग, बक्सा, बारपेटा, बोंगाईगांव, बजाली, तामुलपुर और दरांग जिलों में 31 मई के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
यह भी पढ़ें : Switzerland में फटा ग्लेशियर, मलबे में दफन पूरा गांव, हिमालय पर भी खतरा