North India Weather: हिमाचल में पहाड़ों पर हुई बर्फबारी से जल्द दिल्ली व आसपास ठंड बढ़ने का अनुमान

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North India Weather
हिमाचल प्रदेश में पहाड़ों पर हुई बर्फबारी से जल्द दिल्ली व आसपास ठंड बढ़ने का अनुमान

Aaj Samaj (आज समाज), North India Weather, नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में लाहौल की ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी और राज्य के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि के चलते दिल्ली व हरियाणा-पंजाब सहित उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों जल्द ठंड बढ़ने का अनुमान है। बर्फबारी के चलते दिल्ली व आसपास के राज्यों में सुबह-शाम ठंड का एहसास होने भी शुरू हो गया है। मनाली, लाहौल-स्पीति और कुल्लू जैसे जिलों में हल्के हिमपात के साथ बारिश भी हुई है। मनाली-लेह रोड पर बर्फबारी के कारण यातायात ठप हो गया था।

  • दिल्ली में बारिश की नहीं कोई संभावना

अगले सप्ताह से तेजी से गिर सकता है तापमान

शिमला में भी बारिश की खबर है। इन स्थितियों को देखते हुए मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि पहाड़ों पर हुए हिमपात का असर जल्द मैदानी इलाकों में भी दिखेगा। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार फिलहाल दिल्ली में बारिश की कोई संभावना नहीं है, लेकिन दिल्लीवासियों को ठंडी सुबह और शाम के लिए तैयार रहना चाहिए। आईएमडी का अनुमान है कि अगले सप्ताह से दिल्ली के तापमान में तेजी से गिरावट आएगी। दो से तीन दिन तक हल्के कोहरे का भी अनुमान है।

सोमवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री रहा

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को शहर (दिल्ली) का न्यूनतम तापमान गिरकर 20.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम है। वहीं अगले कुछ दिनों में तापमान 19 से 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं भी बढ़ने की आशंका है, लेकिन दिल्ली पर प्रदूषण का असर मौसम की स्थितियों के अनुसार पड़ेगा।

पांच साल में सबसे कम मानसूनी बारिश

भारत में इस बार के मानसून सीजन में बारिश का स्तर पिछले 5 साल में सबसे निचले स्तर पर है और मौसमी चक्र अल नीनो के कारण ऐसा हुआ है। आईएमडी के अनुसार, इस कम बारिश के कारण अगस्त दस साल से भी अधिक समय में सबसे सूखा माह रहा है। बता दें कि मानसून का मौसम भारत की 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फसलों की सिंचाई, जलाशयों और जलभृतों को दोबारा भरने के लिए जरूरी लगभग 70 प्रतिशत बारिश प्रदान करता है।

वर्षा की कमी से बढ़ सकती है खाद्य मुद्रास्फीति

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अभी लगभग आधी कृषि भूमि में सिंचाई की कमी है, इसलिए कृषि उत्पादन के लिए मानसून की बारिश के महत्व को कम करके आंका नहीं जा सकता है। इन हालातों के मद्देनजर विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस वर्ष गर्मियों में वर्षा की कमी से खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है। यानि महंगाई बढ़ सकती है।
कम उत्पादन की वजह से चीनी, दालें, चावल और सब्जियां जैसे मुख्य खाद्य पदार्थ महंगे हो सकते हैं।

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