National Lok Adalat : न्यायिक परिसर में हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 4630 मामलों का हुआ निपटारा

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लोक अदालत में बैठे हुए न्यायाधीश व अन्य।
लोक अदालत में बैठे हुए न्यायाधीश व अन्य।

Aaj Samaj (आज समाज) ,National Lok Adalat ,मनोज वर्मा,कैथल: हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कैथल के कार्यकारी अध्यक्ष एवं अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा. गगनदीप कौर सिंह की देखरेख में शनिवार को न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस मौके पर लोगों को प्रेरित किया कि लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों को निपटा कर लोक अदालत का फायदा उठायें।  इस लोक अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अमित कुमार गर्ग, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश एवं प्रधान न्यायाधीश परिवारिक न्यायालय देवन्द्र सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रवेश सिंगला, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) मानविका यादव, सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) कैथल  अश्वनी गुप्ता, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) गुहला डिविजन सचिन यादव  की बैंचे गठित की गई थी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी  दानिश गुप्ता ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 8611 लंबित मामलों को रखा गया था, जिसमें से 4630 मामलों का निपटारा किया गया। कुल मुबलिक 7 करोड़ 70 लाख 2 हजार 455 रुपये की राशि के विभिन्न अपराधिक, एन आई एक्ट, बैंक रिकवरी, मोटर वाहन, श्रम से संबंधित विवाद मामले, राजस्व मामले अन्य मामलों का इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारा किया गया है। इसके अतिरिक्त स्पेशल लोक अदालत पारिवारिक मामलों जो कि 13 अक्टूबर 2023 को हुई थी, जिस में 47 मामलें और स्पेशल लोक अदालत राजस्व मामलें जो कि 25 नवंबर 2023 को हुई थी में 3945 मामलों को निपटारा किया था।

इसके साथ ही उन्होने बताया कि लोक अदालत एक ऐसी अदालत है जिसमें मामलों(विवादों) का निपटारा पक्षकारों की पारस्परिक सहमति से किया जाता है, इसमें न किसी पक्षकार की जीत होती न हार। दोनों पक्षों में पुन: स्नेह, सौहार्द्र एवं बन्धुत्व का भाव उत्पन हो जाता है। लोक अदालत की विशेषता है कि यह शीघ्र व सस्ते न्याय का स्त्रोत है। इसे जनता की अदालत भी कहा जाता है। लोक अदालत की विशेषत है कि इसमें कोई न्यायालय शुल्क नहीं है और यदि न्यायालय शुल्क का भुगतान पहले ही कर दिया गया है तो लोक अदालत में विवाद का निपटारा होने पर इसे वापिस कर दिया जाता है। लोक अदालत में मामले का निपटारा तुरन्त हो जाता है और सभी को न्याय आसानी से मिल जाता है।

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