Municipal Commissioner Naresh Narwal: निगमायुक्त नरेश नरवाल ने अधिकारियों की थपथपाई पीठ

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Municipal Commissioner Naresh Narwal
प्रवीण वालिया, करनाल:  
Municipal Commissioner Naresh Narwal: नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल ने बुधवार को निगम द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों, नागरिकों को दी जा रही सुविधाएं और निगम से सम्बंधित अन्य कारगुजारी को लेकर एक मीटिंग कर काफी देर तक मंथन किया। मीटिंग में संयुक्त निगमायुक्त गगनदीप सिंह, उप निगमायुक्त अरूण कुमार, कार्यकारी अधिकारी देवेन्द्र नरवाल, ए.डी.ए. पुष्पा कुमारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

87 किलोमीटर है नगर निगम का एरिया, 4 लाख है आबादी Municipal Commissioner Naresh Narwal

मीटिंग में संयुक्त निगमायुक्त ने एक पावर पाँयट प्रैजेन्टेशन के जरिए जानकारी दी कि नगर निगम करनाल का एरिया 87.5 किलोमीटर में है और इसके अधीन आबादी संख्या 4 लाख है। वर्ष 1949 में करनाल शहर में सिविक बॉडी के रूप में एक कमेटी अस्तित्व में आई थी। इसके बाद वर्ष 1994 में यह नगर परिषद बना और वर्ष 2010 में इसे नगर निगम का दर्जा मिला। उन्होंने बताया कि संविधान के 74वें संशोधन के अनुसार नगर निगम के 18 कार्य/कर्तव्य हैं, जिनमें विकास कार्य, जन सुविधाएं और नागरिकों को दी जाने वाली सेवाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि निगम के अधीन करीब 2200 एकड़ खाली जमीन है।

खाली जमीन का करें सदुपयोग, बाउण्डरी बनाएं Municipal Commissioner Naresh Narwal

निगमायुक्त ने निर्देश दिए कि नगर निगम की खाली जमीन का सदुपयोग करें। करीब 50 एकड़ ऐसी जगह का चुनाव करें, जिसमें ऑक्सीवन बनाया जा सके और हर्बल पार्क विकसित किया जा सके, यह समय की मांग भी है। उन्होंने कहा कि स्लम बस्ती में सुधार की जितनी भी स्कीमे हैं, उन पर पूरा काम किया जाए। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, पीएमएवाई और स्वनिधि स्कीम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभार्थी बनाया जाए, महिलाओं को स्वावलम्बी बनाकर उनकी आय बढ़ाएं। आई.टी.आई. चौक पर शीरोरूम के साथ एक पुरूष शौचालय की भी जरूरत है, जिसमें पोटा कैबिन शौचालय रखवाया जा सकता है।

जनता की शिकायत से पहले समस्या का हो समाधान Municipal Commissioner Naresh Narwal

निगमायुक्त ने कहा कि नगर निगम नागरिकों की सेवाओं से जुड़ा एक अहम निकाय है। विकास के साथ समस्याएं भी होती हैं, अच्छा होगा कि जनता किसी समस्या को लेकर शिकायत करें, निगम कर्मचारियों को उसका पता होना चाहिए, शिकायत से पहले ही समाधान हों। स्ट्रीट लाईट, जलापूर्ति व मल निकासी, गुरूग्राम की तर्ज पर आई.सी.सी.सी. से कनैक्ट करवाएं, ऐसी सेवाएं स्मार्ट सिस्टम में आनी चाहिएं। व्यस्त बाजारों में वाहनो की भीड़ कम करने के लिए पार्किंग की समस्या को दूर करें। लोगों को अपने वाहन पार्किंग में खड़े करने के लिए जागरूक करें। नगर निगम की कालीदास रंगशाला को अच्छे से मेन्टेन करें, ताकि यहां सांस्कृतिक गतिविधियां करवाई जा सकें।

सड़कों पर न भटकें पशु Municipal Commissioner Naresh Narwal

उन्होंने निर्देश दिए कि निगम के 14 गांवो में 23 तालाब हैं, इनका सौंदर्यकरण करके पार्क विकसित किए जाएं। सड़कों पर भटकते पशुओं को पकड़कर गौशाला व नंदीशाला में पहुंचाएं। बंदरो को पकडऩे के लिए कम से कम 3 साल का टैण्डर करें, ताकि शहर को बंदर मुक्त किया जा सके।   उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की यह कहकर पीठ थपथपाई कि राईट टू सर्विस एक्ट में सरकार की ओर से जो सेवाएं निर्धारित की गई हैं, उनमें करनाल नगर निगम राज्य भर में सबसे अव्वल है।
उन्होंने प्रॉपर्टी टैक्स कॉलेक्शन पर जोर दिया और कहा कि इसका हर घर में नोटिस जाना चाहिए। इसके लिए व्हाट्एप का एक डाटाबेस तैयार करें। उन्होंने जोर दिया कि विकास शुल्क की अच्छी-खासी रिकवरी पड़ी है, शहर की 86 कॉलोनियां नियमित कॉलोनियां हैं, उनके नागरिकों से विकास शुल्क इकठ्ठा करें। इसके लिए कॉलोनियों में शिविर लगाए जाएं। सभी कॉलोनियों से विकास शुल्क प्राप्त करने के लिए एजेंसी को वर्क ऑर्डर देकर नोटिस बटवाएं। शहर में साफ-सफाई चाक-चोबंद हो और सी. एंड डी. वेस्ट का उचित निस्तारण हो। सभी सफाई कर्मचारियों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम शुरू करें, कोविड के दौरान यह बंद हो गया था।

सभी सेवाओं की अपडेशन निगम की वैबसाईट के डैशबोर्ड पर हो Municipal Commissioner Naresh Narwal

निगमायुक्त ने निर्देश दिए कि नगर निगम से जुड़ी 14 ऐसी सेवाएं हैं, जिनके ऑनलाईन पोर्टल हैं। इन सेवाओं की रोजाना प्रगति निगम की वैबसाईट पर एक डैशबोर्ड पर प्रदर्शित होनी चाहिए। उन्होंने कार्यकारी अभियंता को निर्देश दिए कि शेखपुरा स्थित सोलिड वेस्ट प्लांट में लिगेसी वेस्ट के निस्तारण का काम जोर-शोर से चल रहा है। इसे अगले तीन महीनो में पूरा करके जीरो वेस्ट पर लेकर आएं। शहर से रोजाना निकलने वाले कूड़े-कचरे की भी रेगूलर प्रोसेस होती रहे। निगमायुक्त ने यह कहकर अधिकारियों की पीठ थपथपाई कि राईट टू सर्विस एक्ट के तहत दी जा रही सेवाओं में करनाल नगर निगम, राज्य भर के निकायों में प्रथम स्थान पर है।

112 अलॉट किए गए डेयरी प्लाटो में से 70 पर हो रहे निर्माण कार्य Municipal Commissioner Naresh Narwal

मीटिंग में निगमायुक्त ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि नगर निगम के प्रयासों से डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट सिरे चढ़ रहा है। इसके तहत 112 डेयरी संचालकों को प्लॉट अलॉट किए गए थे, अब उनमें से 70 पर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। करीब 30  नए आवेदन भी आए हैं, उनके लिए जल्द ड्रॉ निकालकर प्लॉट अलॉट करें। मीटिंग में उप निगमायुक्त अरूण कुमार ने बताया कि विज्ञापन प्रदर्शित करने के लिए शहर में 101 लोकेशन हैं। इसके अतिरिक्त 87 यूनिपोल हैं, जो डिवाईडर पर स्थित हैं और 16 सांझी साईकिल वाले साईकिल स्टैण्डर हैं।
निगमायुक्त ने बताया कि सरकार द्वारा राज्य स्तर पर ही नगर निकायों के लिए विज्ञापन पॉलिसी बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि शहर में सीवर-वाटर के अलग-अलग कनैक्शन हैं। इनमें 24932 कम्बाईंड, 14745 वाटर के और 897 सीवर कनैक्शन हैं, कुल कनैक्शन 44574 हैं। डीएमसी ने बताया कि शहर में नगर निगम की 667 दुकाने हैं, इनमें 641 निगम की और 36 इम्पू्रवमेंट की हैं, 6 सामुदायिक केन्द्र हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में 1 करोड़ 7 लाख रूपये की डिमांड के फलस्वरूप अब तक 1 करोड़ 51 लाख रूपये की राशि, जिसमें पिछला एरियर भी शामिल है, निगम के खजाने में आ चुकी है। उप निगमायुक्त ने यह भी बताया कि दुकानो का किराया वसूलने के लिए ऑनलाईन रेंट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया गया है, इससे रेंट वसूली का काम ओर आसान हो जाएगा।
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